सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने मांस एवं मछली विक्रेताओं की बैठक लेकर दिया एक सप्ताह का समय, इसके बाद होगी कार्यवाही.
सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में मांस तथा मछली विक्रेताओं की बैठक लेकर उन्हें खुले में मांस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित संबंधी निर्देश से अवगत कराकर उसके पालन के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने आयुक्त नगर निगम चंद्रशेखर शुक्ला को इस संबंध में विशेष अभियान चलाते हुए 20 दिसंबर तक आवेदन लेने और नगर निगम तथा नगर पालिका में एक सिंगल विंडो स्थापित करने के निर्देश दिए है.
अब ऐसे संचालित होगीं दुकानें
▪️सभी मांस, मछली विक्रेताओं का लाइसेंस होना आवश्यक है.
▪️सार्वजनिक रूप से मांस मछली का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता.
▪️सभी विक्रेताओं को दुकानों पर अपारदर्शी कांच लगाना अनिवार्य है, अथवा दुकान को कवर करना आवश्यक है.
▪️बिना लाइसेंस के कोई भी विक्रेता मांस मछली का विक्रय नहीं कर सकेगा.
लाइसेंस के लिए नियत प्रारूप में आवेदन दे सकते हैं, जिसके बाद नगर निगम की टीम संबंधित स्थान पर विजिट करेगी एवं तय मापदंडों और नियमों के अनुसार लाइसेंस जारी करेगी.
विक्रेताओं को मिला अल्टीमेटम
कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि मांस मछली विक्रेताओं को एक सप्ताह का समय दिया गया है जिसके बाद आदेश के उल्लंघन पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी. उन्होंने बताया कि आदेश के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है.
धार्मिक स्थलों के पास माँस विक्रय प्रतिबंधित
किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर माँस मछली अण्डों का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है. कलेक्टर का कहना है कि वर्तमान में संचालित ऐसे सभी विक्रय स्थानों को तत्काल रूप से ढकने का कार्य किया जाए.