अपने जीवन में भी अच्छे व्यवहार,कर्म और संस्कारों का भी संविधान बनाने का संकल्प कर, स्वर्णिम राष्ट्र का निर्माण करेंगे-
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेन्द्र सागर में 75 वाँ गणतंत्र दिवस मनाया गया. सेवाकेन्द्र प्रभारी “राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी” ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर राष्ट्रध्वज फहराया और देशभक्ति नारों से हर एक में उमंग उत्साह को बढ़ाते हुए गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं. साथ ही भारत के विशाल संविधान की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि भारतीय संविधान एक अनूठा दस्तावेज है जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता है. मौलिक अधिकारों, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों, संघवाद, स्थानीय शासन, धर्मनिरपेक्षता, भाषाई विविधता और सांस्कृतिक तथा शैक्षिक अधिकारों के संबंध में इसके प्रावधान भारतीय समाज में विविधता में एकता को बढ़ावा देते हैं. भारत भौगोलिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विविधता वाला महान देश है. गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्योहार है. जब तिरंगा झंडा हवा में लहराता है तो हर भारतीय को गर्व महसूस होता है और देशभक्ति की भावना जाग्रत होती है. तिरंगा झंडा जिसका अनुपात 3 : 2 होता है. तिरंगे झंडे में सबसे ऊपर केसरिया जो साहस का प्रतीक,बीच में सफ़ेद जो शांति का प्रतीक और नीचे हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. भारतवर्ष परमपिता परमात्मा का अवतरण देश है, जहाँ स्वयं परमात्मा आकर रावण की गुलामी से आजाद करने के लिए सहज राजयोग सिखला कर स्वर्ग भूमि, देवभूमि बना रहे हैं. हर एक आत्मा स्वतंत्र, अमर, अविनाशी है. बस जरूरत है तो स्वयं को जानने की, स्वयं की शक्तियों को पहचानने की, जिससे हम राष्ट्र हित में समर्पित हो सकें. साथ ही ये संकल्प लें कि हम अपने सत्कर्मों के बल पर भारतवर्ष को परम् समृद्ध बना पुनः देवभूमि,रामराज्य स्थापित करेंगे. एक ऐसी व्यवस्था लायेंगे जिससे व्यक्ति के लिए राष्ट्र प्रथम हो और राष्ट्र के लिए व्यक्ति प्रथम हो. हम एक ऐसे स्वर्णिम राष्ट्र का निर्माण करेंगे.