ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्य सेवाकेंद्र प्रभाकर नगर मकरोनिया द्वारा भीतर बाजार और तिली सेवाकेंद्र पर 89वां शिव जयंती महोत्सव मनाया गया। इस दौरान शिव ध्वज फहराकर सभी को सदा सद्मार्ग पर चलने, शुभ चिंतन,सकारात्मक चिंतन का संकल्प कराया गया। जिले में महीने भर तक संस्थान द्वारा शिव जयंती महोत्सव मनाया जाएगा।
शिव पूजा का आध्यात्मिक रहस्य
इस दौरान सेवाकेंद्र प्रभारी बीके छाया दीदी ने कहा कि हम शिवालयों में अक-धतूरा, भांग, आदि अर्पित करते हैं। इसके पीछे आध्यात्मिक रहस्य यह है कि जीवन में जो कांटों के समान बुराइयां हैं, गलत आदतें हैं, गलत संस्कार हैं, कांटों के समान बोल, गलत बोल- सोच को परमात्मा शिव पर अर्पण कर मुक्त हो जाएं। हम दुनिया में देखते हैं कि दान की गई वस्तु वापस नहीं ली जाती है, इसी तरह परमात्मा पर अपने जीवन की कोई एक बुराई जो हमें आगे बढ़ने से रोक रही है, सफलता में बाधक है उसे शिव को सौंपकर मुक्त हो जाएं। अपने जीवन की समस्याएं, बोझ उन्हें सौंप दें। फिर आपकी जिम्मेदारी परमात्मा की हो जाएगी।
शिव जी दे रहे हैं राजयोग की शिक्षा
उन्होंने कहा कि एक बच्चे का हाथ जब उसके पिता पकड़कर चलते हैं तो वह निश्चिंत रहता है, इसी तरह हम भी यदि खुद को परमात्मा को सौंपकर जीवन में चलते हैं तो सदा निश्चिंत रहते हैं। परमपिता शिव इस धरा पर अवतरित होकर हम सभी विश्व की मनुष्य आत्माओं को सहज राजयोग की शिक्षा दे रहें हैं। परमात्मा आह्नान करते हैं मेरे बच्चों तुम मुझ पर अपनी बुराइयों अर्पण कर दो। अपने बुरे विचार, भावनाएं, गलत आदतें शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है। अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर जीवन में ज्ञान की ज्योत जगाएं। धर्म का आचरण ड्रेस पहनने से नहीं बन जाता है। उसे जीवन चरित्र में उतारना होगा। जिसे हम युगों-युगों से पुकार रहे थे, जिसकी तलाश में हमने वर्षों तक जप-तप और यज्ञ किए। आज वही भगवान इस धरा पर पुन: अवतरित हो चुके हैं। अपने पांच खोटे सिक्के अर्थात् काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार को प्रभु को अर्पण कर रोज ईश्वर के दर पर एक बार आना अर्थात् भगवान के घर में एक बार जरूर आना।
इस मौके पर बीके नीलम दीदी , बी के लक्ष्मी दीदी , बीके दीपिका दीदी,बीके खुशबू बहन,बीके पार्वती बहन, बी के आरती बहन, बीके मुकेश भाई, बीके सुनील भाई सहित बड़ी संख्या में भाई-बहनें मौजूद रहे।
सभी को प्रसाद वितरण हुआ।
इस आयोजन में कुमारी जीविका ने शिव महिमा के गीत पर अपनी नृत्य की प्रस्तुति दी।

