प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में तम्बाकू निषेध दिवस पर किये गए अनेकानेक कार्यक्रम अंतर्गत आज शहर सागर, भीतर बाजार में 31 मई, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर नशे से दूर रहने एवं जनजागृति के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें सागर सेवाकेन्द्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कार्यक्रम का लक्ष्य एवं उद्देश्य एवं संस्थान का परिचय देते हुए विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के बारे में बताया और कहा कि विश्व में हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को हानिकारक पदार्थों से बचाना एवं उससे दूर रहने के लिए जागरुक करना है। साथ ही संस्थान का परिचय देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक विश्व व्यापी संस्थान है जिसका मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में है, और भारत सहित विश्व के 140 देशों में इसकी हजारों शाखाएं हैं जिसके माध्यम से राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के द्वारा समाज में फैली विकृति और बुराईयाँ और नशे से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है। हमें तम्बाकू के खाने से बचना चाहिए, क्योंकि तम्बाकू से कैंसर जैसी बीमारी होती है जिससे मानव के शरीर को हानि पहुंचती है और उसके साथ साथ पूरा परिवार भी प्रभावित होता है इसलिए हमें संकल्पित होना चाहिए कि हम नशे से दूर रहेंगे साथ ही कहा कि हाल ही में भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू का MOU (Memorandum of Understanding) साईन हुआ है जिसके तहत पूरे भारत में नशा मुक्ति हेतु जनजाग्रति के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।ब्रह्माकुमारीज संस्थान विगत अनेक वर्षों से व्यसन मुक्ति के लिए मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत जैसे अनेकानेक कार्यक्रमों के माध्यम से जन जाग्रति हेतु कार्य कर रहा है जिसका परिणाम यह रहा कि लाखों भाई बहनों ने राजयोग मेडिटेशन को अपने जीवन में अपनाकर जीवन को नशा मुक्त कर बेहतर बनाया है ।
इसके अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज के द्वारा विभिन्न एक्टिविटीज के माध्यम से पूरे भारत में स्कूल, कॉलेज, विश्व विद्यालय, स्लम एरिया एवं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
तम्बाकू ,सिगरेट हानिकारक है इनसे अपना बचाव करें और हमारी शुभभावना है कि पूरा विश्व नशा मुक्त हो।
ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने कहा कि व्यसन एक ऐसा मार्ग है जो धीमे जहर की तरह हमारे शरीर को नष्ट करता है। आज लोग डिप्रेशन, अनिद्रा, तनाव, बीती हुई दुखद घटनाओं की स्मृति, पारिवारिक कलह, बुरे संग के कारण इन नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। भारत में एक तिहाई कैंसर का कारण तंबाकू है तंबाकू धीमे जहर की तरह कार्य करता है तंबाकू में लगभग 4000 रासायनिक तत्व रहते हैं जिसमें 400 रासायनिक तत्व हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। तंबाकू में उपस्थित निकोटिन धीमे जहर की तरह कार्य करता है, भारतवर्ष में 3000 से 3500 हजार के बीच प्रतिदिन लोगों की मृत्यु होती है, जिसका एकमात्र कारण है, तंबाकू का सेवन, धुंए सहित या धुंए रहित। उन्होंने स्पष्ट किया धूम्रपान का हमारे फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। 90% फेफड़े का कैंसर धूम्रपान के कारण होता है धूम्रपान का धुंआ धूम्रपान ना करने वाले व्यक्तियों के लिए भी 25 % हानिकारक है। साथ ही बताया आज विश्व में अधिक मात्रा में शराब का सेवन किया जाता है। 60% से अधिक सड़क दुर्घटनाओं का कारण शराब है। लंबे समय तक शराब का सेवन करने से सिरोसिस, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली अनियंत्रित और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा व्यसन व्यक्ति के स्वास्थ्य पर तो बुरा प्रभाव डालते ही हैं साथ ही गृह क्लेश का कारण भी बनते हैं। और कई परिवार घर में उपस्थित एक व्यसनी की वजह से बर्बाद हो जाते हैं। भारतवर्ष विश्व का तीसरा तम्बाकू का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोगता देश है। हम अपनी युवा पीढ़ी को इन व्यसन रुपी दलदल से बचायें। बच्चों को नैतिक रूप से मज़बूत होना चाहिए तथा उन्हें पहली बार ही किसी गलत कार्य को करने के लिए कहने पर इंकार कर देना चाहिए। जहाँ हांजी कहना आवश्यक है, वहां न कहना भी हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह मित्र कैसा मित्र है,जो अपने अभिन्न मित्र को तम्बाकू गुटका या शराब पीने के लिए मज़बूर करता है। इसीलिए किशोरावस्था के बच्चों को इन व्यसनों को पहली ही बार में न कहना चाहिए तथा एक बार भी चखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ख़राब संग से तो अकेला रहना ही भला।
ब्रह्माकुमार सुनील भाई ने अपने अनुभव में कहा कि नशे से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने राजयोग ध्यान को दैनिक जीवन में धारण किया और कहा कि राजयोग के द्वारा आप सब भी सहज ही इन व्यसनों से छुटकारा पा सकते हैं।
ब्रह्माकुमार पीयूष भाई ने बताया कि मैं भी गलत संग के कारण तंबाकू का सेवन करने लगा था ब्रह्माकुमारीज संस्थान से जुड़ने के बाद और राजयोग के अभ्यास से मैंने इन पर जीत हासिल की। कहते हैं, जो व्यसन से दूर हैं, वे अपने आप को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक तथा बौद्धिक रूप से सदा काल के लिए स्वस्थ रख सकते हैं, अगर वह राजयोग का नियमित अभ्यास करें। राजयोग के अभ्यास से मुझ जैसे लोगो ने व्यसन छोड़ा, ऐसे 3000 लोगों का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि 97% जिन्होंने व्यसन छोड़ा, सदाकाल के लिए व्यसन से मुक्त हो गए केवल 3% लोग जिन्होंने राजयोगा जीवन शैली को छोड़ा उनके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। 97% लोगों ने नशे को अपने जीवन काल में दुबारा नहीं अपनाया।
कार्यक्रम के अंत में सभी को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई साथ ही राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
राजयोग के अभ्यास से जो नशा मुक्त हुए उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
ब्रह्माकुमार सुनील भाई, ब्रह्माकुमार पीयूष भाई।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी, ब्रह्माकुमार सुनील भाई, ब्रह्माकुमार पीयूष भाई सहित अन्य भाई बहिन उपस्थित रहे।

