मातृ दिवस का आयोजन

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र सागर में मातृ दिवस का आयोजन किया गया.

सेवाकेन्द्र प्रभारी “राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी” ने मातृ शक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा , कि माँ के अंदर जो शक्ति होती हैं, जो सिद्धि होती हैं, वह कहाँ से और कैसे आती हैं? कैसे जागृत होती हैं? वो शक्तियां हमें परम पिता परमात्मा से प्राप्त होती हैं. परमात्मा इस धरा पर आकर राजयोग सिखला रहे हैं जिससे अष्ट शक्तियां प्राप्त होती हैं. वो अष्ट शक्तियां हैं- सहन करने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, सामने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, सहयोग की शक्ति, विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति, समेटने की शक्ति. बताया जाता है कि नारी को अष्ट भुजा धारी देवी माना जाता है नारी की अष्ट भुजायें भिन्न-भिन्न कर्तव्यों का प्रतीक हैं नारी ही घर को स्वर्ग बना सकती हैं और नारी ही घर को नरक बनाती हैं. अर्थात जब हम राजयोग को अपने जीवन में लाते हैं तो अष्ट शक्तियां स्वतः ही हमारे अंदर आने लगती हैं. जैसे करंट दिखाई नहीं देता मगर होता है, खुशबू दिखाई नहीं देती, मगर होती है. वैसे ही ये अष्ट शक्ति हमारे अंदर हैं बस हमें इन अष्ट शक्तियों को पहचान प्रयोग में लाना है अपने जीवन में अनुभव करना है. माँ के पास दो हथियार हैं एक भोजन, दूसरा पानी. जैसे विचारों से भोजन बनता है उसका असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है, इसलिए प्रेम से भोजन बनायें ओर खिलायें जैसा खायेंगे अन्न, वैसा होगा मन. पानी भी प्रेम से पिलायें क्योंकि जैसा पियेंगे पानी, वैसी होगी वाणी. बस घर को स्वर्ग बनाने में मन और वाणी ही तो चाहिए, इसलिए अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान कर भोजन बनाने को छोटा काम न समझें. परमात्म ज्ञान को जब हम अपने जीवन में धारण करते हैं तो हमें यह समझ आ जाती है कि परिवार को कैसे चलाना है? परिवार के हर एक सदस्य के साथ कैसा व्यवहार रखना है.

“ब्रह्माकुमारी नीलम बहन” ने बताया कि, प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने नारी के सम्मान की एक मिसाल कायम की. ब्रह्माकुमारी संस्था एक विश्व व्यापी संस्था है जिसका संचालन नारियों द्वारा कुशलतापूर्वक किया जा रहा है.

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन द्वारा किया गया.

कार्यक्रम में पधारी समस्त माताओं ,बहिनों का तिलक लगाकर सम्मान किया गया.

इस अवसर पर अतिथि शासकीय कन्या छात्रावास अधिक्षिका ममता चौरसिया, शिक्षा विभाग सहायक संचालक रेणुका परस्ते , ज्ञानोदय विद्यालय सागर प्रतिभा भट्ट और संस्था से जुड़ी समस्त माताएं, बहिनें उपस्थित रहीं.