◽️पृथ्वी दिवस पर मेडिटेशन.

विश्व पृथ्वी दिवस पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सागर में प्रकृति को सकाश देने विशेष मेडिटेशन कराया गया. 

सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने बताया कि परमपिता परमात्मा शिव ने इस पवित्र भारत भूमि पर अवतरित होकर हमें हमारा सत्य परिचय बतलाया, कि मैं एक आत्मा हूँ, यह मेरा शरीर 5 तत्वों से बना है- भूमि, आकाश, वायु, जल, अग्नि. जब हम यह जान जाते हैं तो हमारा काम है इन तत्वों की सेवा करें. प्रतिदिन सुबह उठ कर सूरज देखें ताकि शरीर को अग्नि तत्व मिले और सूर्य देवता को हम धन्यवाद भी करें. पेड़ लगाऐं ताकि वायु तत्व को धन्यवाद कर सकें. पानी व्यर्थ न जाने दें, जितना हो सके पानी की बूंद-बूंद भी बचायें, यही जल तत्व का धन्यवाद होगा.

इसी तरह कचरा हर जगह न डालें ताकि हम धरती को साफ रख सकें. रोज सुबह-शाम आकाश को देखें और धन्यवाद करें क्योंकि आकाश तत्व से हमें जरूरी गैसें मिलती हैं जो हमारे शरीर को आवश्यक हैं.

भारत एक ऐसा देश है जो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जहाँ का हर नागरिक भारत भूमि को माँ कह कर पुकारता है “भारतमाता, धरती माता” माँ का कर्तव्य है कि अपने बच्चों की सभी जरूरत को पूरा करना. आपने देखा होगा, कि प्रकृति हमें नि:स्वार्थ भाव से देती है.

जिस प्रकार हमें जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है उसी प्रकार पृथ्वी को भी पेड़ों की आवश्यकता होती है. इसलिए प्रकृति से लेने के साथ-साथ अब उसे अच्छा देने की जरूरत है.

“ग्लोवल वार्मिंग को रोकते पेड़”

आज पृथ्वी की हालत बहुत खराब हो गई है. दिन प्रतिदिन बढ़ते औद्योगिकीकरण,वाहनों का अति प्रयोग, प्राकृतिक जल का प्रदूषित होना, 5 तत्वों का नष्टीकरण,ऊँची इमारतों , बड़े बड़े कारखानों का निर्माण आदि ग्लोवल वार्मिंग के कारण हैं. जहां एक ओर हम अपनी सुख सुविधाओं में प्रगति कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हम प्रकृति का शोषण कर रहे हैं. बड़ी इमारतों, पुल आदि को बनाने के लिए बड़े-बड़े वृक्षों को काटा जा रहा है.

“वृक्ष है श्वांस, जीवन का आधार”

वृक्ष हमारे जीवन का आधार है. यदि वृक्ष न हो तो ऑक्सीजन मिलना मुश्किल होगा और बिना ऑक्सीजन के जीवन नही है, इसलिए “एक व्यक्ति एक पेड़” यह संकल्प करना होगा. ऐसे पेड़ लगाने हैं जो हमें छाया, फल, फूल, ऑक्सीजन दें. हो सके तो औषधीय पौधे तुलसी,नीम, आंवला, आदि लगाएं.

 “प्रकृति माँ के सबसे छोटे बच्चे पेड़”

जिन्हें प्रकृति माँ अपने से चिपकाए रहती है, पेड़ों से वर्षा का आगमन होता है, पृथ्वी की सुंदरता वृक्षों से है.

“पेड़ सुरक्षित तो जीवन सुरक्षित”

सभी ने संकल्प किया कि हम पेड़ों की रक्षा करेंगे और दूसरों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करेंगे. अपने जीवन में नैतिक मूल्यों, मैडिटेशन को शामिल करेंगे. रोज कुछ समय ध्यान करके अपनी एकाग्रता को बढ़ाना है. आज जीवन में नैतिक मूल्य ना होने के कारण हमारा जीवन मूल्यहीन बनता जा रहा है. ‘समय’ का महत्व बताते हुए कहा कि समय का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. हमें अपने समय को कभी भी व्यर्थ देखने में, सोचने में, और बोलने में बर्बाद ना कर के एक-एक क्षण की कीमत समझ कर चलना है. हम समय का दुरूपयोग अधिक सोने, मोबाइल देखने में कर रहे हैं. आज से अपने जीवन में कुछ परिवर्तन करेंगे. अपने जीवन में कुछ ऐसी आदतों को जैसे- पानी का सदुपयोग करना, आरओ से निकले पानी को बर्तन साफ करने, पौधों को पानी देना या अन्य कामों में दोबारा उपयोग करना, प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े के थैले का उपयोग, जरूरत ना होने पर बिजली उपकरणों को बंद रखना, सूखे-गीले कचरे को अलग अलग कूड़ेदान में डालना, लाल बत्ती और रेलवे क्रासिंग के समय वाहन का इंजन बंद करना, इन सभी बातों को अपने जीवन में ला कर हम प्रकृति के प्रदूषण को रोक सकते हैं.

ब्रह्माकुमारी नीलम ने सभी को राजयोग के द्वारा पृथ्वी को शुभभावनाएँ दिलाईं.

प्रतिभा भट्ट ज्ञानोदय विद्यालय से आपने भी अपने विचार रखे.