शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय की छात्र छात्राओं के बीच प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस आयोजन में ब्रह्माकुमारी बहनों ने जीवन को सांस्कारिक बनाने वाले सरलतम और प्राकृतिक संस्कारों को बताया.
ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपकी सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर,सकारात्मक कार्यों के प्रति अपने आपको कैसे जागरूक करें? अपने जीवन में आध्यात्मिकता को शामिल कर स्वयं का एक श्रेष्ठ चरित्र व महान व्यक्तित्व, सशक्त भारत के निर्माण में उच्च भूमिका कैसे निभाई जाए?
कहते हैं “अगर हम एक सुंदर दुनिया के निर्माण में योगदान देना चाहते हैं, तो खुद को उन्नत करने की ज़रूरत है, स्वयं का वर्जन 2 बनना होगा और यह हमारे आत्म-सम्मान के स्तर से संबंधित है। हमें अपने सत्य स्वरूप के बारे में जागरूक होने की ज़रूरत है – कि मैं कौन हूँ? परमपिता परमात्मा सदाशिव इस धरती पर अवतरित हो कर स्वयं का और हम सभी आत्माओं का सत्य परिचय देते हैं आप एक सुंदर सितारा, एक प्रेमपूर्ण ऊर्जा, माथे के केंद्र में विराजित ज्योति बिंदु आत्मा हो और हमारा शरीर 5 तत्वों से बना है जब हम यह जान जाते हैं तो हमारा काम है इन तत्वों की सेवा करें , प्रतिदिन सुबह उठ कर सूरज देखें ताकि शरीर को अग्नि तत्व मिले और सूर्य देवता को हम धन्यवाद भी करें। पेड़ लगाएँ ताकि वायु तत्व को धन्यवाद कर सकें । पानी व्यर्थ न जाने दें जितना हो सके पानी की बूंद बूंद भी बचायें, यही जल तत्व का धन्यवाद होगा । इसी तरह कचरा हर जगह न डालें ताकि हम धरती को साफ रख सकें । रोज सुबह शाम आकाश को देखें और धन्यवाद करें क्योंकि आकाश तत्व से हमें जरूरी गैस मिलती हैं जो हमारे शरीर को आवश्यक हैं । अपने जीवन में नैतिक मूल्यों, मैडिटेशन को शामिल करेंगे। रोज कुछ समय ध्यान करके अपनी एकाग्रता को बढ़ाना है।आज जीवन में नैतिक मूल्य ना होने के कारण हमारा जीवन मूल्यहीन बनता जा रहा है। सभी बच्चों को ‘समय’ रूपी मूल्य का महत्व बताते हुए कहा कि समय रूपी मूल्य जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।
हमें अपने समय को कभी भी व्यर्थ देखने में, सोचने में, और बोलने में बर्बाद ना करके एक-एक क्षण की कीमत समझ कर चलना है। हम समय का दुरूपयोग अधिक सोने, मोबाइल देखने में कर रहे हैं। आज से अपने जीवन में कुछ परिवर्तन करेंगे। अपने जीवन में कुछ ऐसी आदतों को जैसे – मोबाइल देखकर भोजन करना, गुस्सा करना, ईर्ष्या करना, चोरी, झूंठ बोलना आदि अवगुणों को अपने जीवन से समाप्त करेंगे एवं आज्ञाकारी, अनुशासन, सच्चाई, ईमानदारी आदि दिव्य गुणों से अपने जीवन को श्रृंगारित करेंगे।
ब्रह्माकुमारी कल्पना बहन ने कुछ क्षण मेडीटेशन अभ्यास कराया, जिससे बच्चों ने बहुत शांति और खुशी की अनुभूति की।
इस अवसर पर शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय के प्रिंसिपल अशोक कुमार असाटी ,प्रतिभा भट्ट,महेंद्र कुमार लोधी,सुरेंद्र विश्वकर्मा,श्रीकांत पटेल,उषा रोहित,अभिलाषा अग्रवाल, शालिनी जैन,भारती परोचे, ब्रह्माकुमार पीयूष भाई सहित शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।