◽️नया नवाचार -“सागर का सुकून”.

सागर को कचरा मुक्त स्वच्छ सुंदर शहर बनाने के उद्देश्य से नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने नवाचार करते हुए “सागर का सुकून” नामक पहल शनिवार से प्रारंभ की.

सागर का सुकून नवाचार के पहले दिन नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी की टीम ने स्थानीय रहवासियों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से लाखा बंजारा झील के चकराघाट और मंदिरों के आसपास साफ-सफाई की. चकराघाट देवी मंदिर के पास एकत्र विसर्जित पूजन सामग्री, जलकुंभी आदि के ढेरों को सभी ने मिलकर कचरा कलेक्शन एवं सफाई वाहनों में भरा और प्रेशर पंप की मदद से घाट को साफ-स्वच्छ बनाया. नगर निगम की इस सफाई पहल में स्थानीय रहवासियों ने भी बढ़चढ़ कर उत्साह के साथ श्रमदान किया. इस सघन सफाई नवाचार से नागरिकों में प्रसन्नता देखने मिली और उन्होंने सुकून महसूस करते हुए अपने शहर को स्वच्छ बनाने हेतु संकल्प लिया. सागर के लोगों को सुकून मिले ऐसे कार्यों का क्रियान्वयन नगर निगम के माध्यम से इस नवाचार पहल के तहत सतत् रूप से किया जायेगा. शहर को स्वच्छ, सुंदर बनाने हेतु नगर निगम की इस पहल में सभी नागरिकों का सहयोग आवश्यक और अपेक्षित है. अपने-अपने स्तर पर सागर का सुकून पहल में शामिल होकर रहवासी अपने शहर को स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध बनायें.

शनिवार को सागर का सुकून पहल में शामिल नागरिकों का संदेश.

1. चकराघाट पर पुजारी रामबाबू शास्त्री ने साफ सफाई के इस नवाचार से प्रभावित होकर झील व जलस्रोतों सहित शहर को स्वच्छ रखने का अनुरोध शहरवासियों से करते हुए कहा की पिंडदान, एकादशाय, द्वादशाय और दशगात्र आदि सहित अन्य पूजन कार्यों में उपयोग होने वाले दोना, पत्तल, फूल, माला, नारियल, कुश आदि पूजन सामग्री को नगर निगम द्वारा घाट पर स्थापित कुंड में ही डालें. तालाब के जल में आटे खीर आदि से निर्मित पिंड के अलावा कुछ भी न डालें ताकि मछली जलीयजीव जंतु उन्हें खाकर समाप्त कर दें और तालाब का जल स्वच्छ बना रहे. उन्होने कहा झील और चकराघाट अपना है शहर अपना है जितना हम स्वच्छ रखेंगे उतना ही हमारे लिए अच्छा होगा, सुकून मिलेगा.

2. एक अन्य स्थानीय महिला रहवासी ने कहा की घाट पर पूजन सामग्री कुंड और कूड़ेदान आदि रखे जाने का कार्य सराहनीय है इसके साथ ही सभी नागरिकों को प्रेरित होना चाहिए की घरों और मंदिर से निकली पूजन सामग्री इन पूजन सामग्री कुंड में ही डालें न की पन्नी में बांधकर तालाब में डाला जाये और अगरबत्ती के पैकेट आदि कूड़ा-कचरा कूड़े दान में डालें. अपने चकराघाट सहित शहर में गंदगी न फैले, हमारा शहर स्वच्छ रहे और सुंदर बने, इससे हमें सुकून मिलता है.

3. चकराघाट पर चाय विक्रेता राहुल सेन ने कहा की हम सभी शहरवासी डिस्पोजल कप, प्लेट, ग्लास आदि का उपयोग न करें. क्योंकि इससे जगह-जगह गंदगी फैलने के साथ ही स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. नाले-नालियों, जलस्रोतों आदि में भी बड़ी मात्रा में डिस्पोजल उड़कर चले जाते हैं जिससे जलस्रोत प्रदूषित होते हैं हमें कचरा फैलने से रोकना है कांच के ग्लास का उपयोग करना है और सागर को स्वच्छ बनाना है.