आयुक्त पहुँचे श्री राम बैकुंठ धाम मंदिर

ऐतिहासिक महत्व के प्राचीनतम स्थान, मंदिर,झील आदि ऐसी धरोहर हैं, जिनको सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है ताकि आने वाली पीढ़ी को इन ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को देखकर ज्ञात हो कि हमारी प्राचीनतम संस्कृति और वास्तु कला कितनी समृद्ध थी।

नगर के बीचों बीच चकराघाट के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र में भी ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील का किनारा और उसके किनारे बने मंदिर उसी श्रेणी में आते हैं, जिनका कोई ना कोई ऐतिहासिक या पौराणिक महत्व है जिसके कारण यह पूरा क्षेत्र एक ऐतिहासिक धरोहर के समान है, इसलिए इस स्थान को विकसित कर उसको सुंदर बनाने के लिए नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि इस प्राचीनतम क्षेत्र के सौंदर्यकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, कई धार्मिक महत्त्व के निर्माण और वाटिकाओं का इस क्षेत्र में निर्माण कराया जा रहा है ताकि लोग यहां आकर लाखा बंजारा झील के साथ उसके किनारे बने प्राचीन मंदिरों को देख कर अपनी संस्कृति से परिचित हों।

चकराघाट क्षेत्र में झील किनारे किए जा रहे विकास और सौंदर्यकरण के कार्यों में नागरिकों के पूजन से संबंधित देव स्थानों और उनसे संबंधित पेड़ पौधों का भी पूरा ध्यान रखते हुये वाटिकाओं का निर्माण किया जा रहा है, इसी क्रम में श्री राम बैकुंठ धाम मंदिर और आसपास के क्षेत्र में स्थित प्राचीनतम मंदिरों और झील के किनारे जलकुंभी की साफ सफाई और अन्य कार्य कराया जाना आवश्यक है, जिनका नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने सोमवार को प्रातः चकराघाट स्थित श्री राम बैकुंठ धाम मंदिर परिसर पहुंचकर वहां के घाटों और फर्श की सफाई व्यवस्था के साथ-साथ अन्य कार्यों का निरीक्षण करते हुए इस क्षेत्र के सुंदरीकरण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि चकराघाट क्षेत्र जहां प्राचीनतम मंदिर और झील का किनारा है उसका विकास हो, जहां जनता आकर मंदिरों के दर्शन करने के साथ झील के किनारे घूमकर उसके सौंदर्य को भी देख सके।