ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में आयोजित अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) सम्मेलन मैं भाग ले रहे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के स्वागत में ताशकंद में स्थित भारतीय दूतावास द्वारा एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत की झलक को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया, इस आयोजन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की गरिमामयी उपस्थिति रही।
सम्मेलन में भारत की ओर से सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय संस्कृति की गरिमा, उसकी विविधता और विश्व में उसकी भूमिका को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
सम्मेलन में भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच भारत की परंपराओं, लोककलाओं और सामाजिक मूल्यों की झलक ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया। भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक संगीत, पारंपरिक नृत्य एवं भारतीय परिधानों ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया । इस अवसर पर डॉ. लता वानखेड़े ने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की, उन्होंने मुख्य सत्रों में भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और विश्व मंच पर भारत की नारीशक्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर भी चर्चा की, विशेषकर महिलाओं से मुलाकात कर उनके योगदान के बारे में जानकारी भी ली और उन्हें भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतिनिधि बताते हुए उनकी सराहना की और आश्वस्त किया कि भारत सरकार प्रवासी भारतीयों के हितों की रक्षा हेतु सदैव तत्पर है।
एशिया में पहली बार आयोजित हुआ सम्मेलन
अंतर-संसदीय संघ (IPU) के 150 वां सम्मेलन के समापन अवसर पर उज़्बेकिस्तान सरकार की तरफ़ से एक मिलन समारोह आयोजित किया गया जिसमें 186 देशों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिसमें भारत से सांसद डॉ लता वानखेड़े के साथ भारत का प्रतिनिधि मंडल उपस्थित रहा । समापन अवसर पर बताया गया कि इस सम्मेलन का मुख्य विषय “सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई” था, जिसमें गरीबी उन्मूलन, सम्मानजनक कार्य को बढ़ावा देने, सामाजिक समावेशन को प्रोत्साहित करने और निर्णय-निर्माण प्रक्रियाओं में हाशिए पर रहने वाले समूहों की भागीदारी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
सम्मेलन के समापन पर, प्रतिनिधियों ने एक समापन दस्तावेज़ अपनाया, जिसमें इन विषयों पर चर्चा के निष्कर्ष और भविष्य की कार्रवाई के लिए सिफारिशें शामिल थीं। यह सम्मेलन केंद्रीय एशिया में पहली बार आयोजित हुआ, जिससे उज़्बेकिस्तान और पूरे क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिला। कार्यक्रम के समापन के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सांसद डॉ. लता वानखेड़े समेत सभी भारतीय प्रतिनिधि दल ने वापस भारत के लिए प्रस्थान किया ।

