ठेकेदारों से सावधान….


भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के जननायकों ने कभी भी ठेकेदारी विचारधारा के पैमाने को नहीं पनपने दिया, इस विषय पर मेरा बड़ा अध्ययन रहा है.


प्रदेश स्तर पर कथित ठेकेदारों को महिमामण्डित नहीं करूँगा, बस बात अपने गृह जिले सागर की करूँगा. चुनाव परिणाम आने के बाद से ठेकेदारी प्रथा को चमकाने के लिए जनता और अपने समाज के बीच मठाधीश बनकर पैठ जमाए रखने के लिए ये कथित ठेकेदार सागर से लेकर सुरखी तक याने जिले की सात विधानसभाओं तक बातुनी बड़बोलेपन से बतियाते रहे. लेकिन वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के जननायकों ने कभी भी ठेकेदारी विचारधारा के पैमाने को नहीं पनपने दिया, इस विषय पर मेरा बड़ा अध्ययन रहा है, क्यूँकि अगर भाजपा के मँझे हुए सिपहसलार ऐसा कर बैठते तो फिर हर छोटे से लेकर बड़े आयोजन और चुनाव तक भीतरघात पहुँच जाता. और आज चुनाव परिणामों का सूरते हाल कुछ और ही सामने होता. भाजपा अपनी रीति नीति संगठन और कार्यकर्ताओं की ताकत पर जीतती है नाकि किसी के मैनेजमेंट से, एक नेताजी भाजपा छोड़कर काग्रेस में क्या चले गए वो सोचने लगे थे कि इस बार सुरखी से गोविंद सिंह और सागर से शैलेन्द्र जैन चुनाव हार जायेंगे और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. वहीं दूसरी ओर सागर में विरोधी लोग कहते थे कि जो हर बार शैलेन्द्र जैन के चुनाव का मैनजमेंट संभालते थे वही इस बार चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए शैलेन्द्र जैन का चुनाव जीतना मुश्किल है. हम उन लोगों को बताना चाहते हैं कि भाजपा की नीतियों और संगठन, व कार्यकर्ताओं की ताकत के आगे ये सब मैनेजमेंट फैल हैं. अपने आपको ज्यादा ज्ञानचंद नहीं समझना चाहिए, ऐसे कथित ज्ञानचंद ने तो सागर की कई समाजों का कांग्रेस को वोट दिलाने का ठेका भी ले लिया था.

तनवीर अहमद (एडिटर इन चीफ) सीसेवन न्यूज़