साहित्याचार्य पंडित “डॉ. पन्नालाल जैन” की 113 वीं जन्म जयंती पर आज कटरा नमक मंडी स्थित कीर्ति स्तंभ के समक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. इस अवसर पर साहित्याचार्य रचित काव्य संग्रह वासंती बयार का विमोचन किया गया.
इस अवसर पर वक्ताओं ने पंडित जी के व्यक्तिव-कृत्तिव पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं जीवन शैली पर बीएमसी के प्रोफेसर डॉ. मनीष जैन ने प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्यों की बताई जीवन शैली आज भी सारगर्भित है. जीवन शैली और स्वास्थ्य के बारे में 2020 में सरकार द्वारा भी गाइड लाइन जारी की गई है. उन्होंने पंडित जी के व्यक्तिव व कृत्तिव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जी श्रुत ज्ञान के धनी रहे हैं. परिजनों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से उनके विचार जीवंत रहेंगे. सागर में विद्यासागर पर डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया ने कहा कि आचार्य श्री संपूर्ण तीर्थ के जहां विराजमान हो जाते थे वहां तीर्थ बन जाते थे जो कि प्रेरणा स्त्रोत हैं.
कार्यक्रम में कैलाश सिंघई, अजित मलैया, डॉ सुखदेव वाजपेई, पंडित राजकुमार शास्त्री, पूर्व पार्षद राकेश राय, राजेश केशरवानी, डॉ गजाधर सागर, कपिल मलैया, मुकेश जैन ढाना, पीसी नायक मंचासीन रहे. मंचासीन अतिथियों ने समाधिष्ठ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं पंडित जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया. मंगलाचरण अंजली जैन ने किया.
मंचासीन अतिथियों का स्वागत अशोक शाह, अशोक फुसकेले, अशोक पंडितजी, राजकुमार पड़ेले ने शॉल श्रीफल भेंटकर किया.
कार्यक्रम में डॉ बीसी जैन, डॉ अरुण सराफ, डॉ दिलीप जैन, डॉ महेंद्र जैन, डॉ ऋषभ जैन, डॉ राजीव जैन मानकचौक, गुलजारीलाल जैन, हेमचंद जैन, पदमचंद जैन, शीलचंद जैन, प्रकाश जैन, इंद्रकुमार नायक, तरुण कोयला, सुनील पड़वार, वद्र्धमान मलैया, डॉ नलिन जैन, अजय सराफ, आलोक जैन, संतोष जैन, राजेश सराफ, जिनेश जैन, अभय जैन, डॉ प्रियेश जैन, अमित चौधरी, सुधीर जैन, सुनील जैन, सौरभ सिंघई, पेट्रिश फुसकेले, शिखरचंद जैन सुभाष चौधरी, देवेंद्र लुहारी, प्रदीप शाह, चंपक भाई, विवेक सिंघई, डॉ विनोद तिवारी, तारिक खत्री सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का संचालन अशोक पिडरुआ ने किया. स्वागत भाषण डॉ. राजेश जैन ने दिया.
कार्यक्रम के अंत में इंजी महेश जैन और राकेश जैन ने आभार व्यक्त किया.