2047 तक मप्र. एक विकसित राज्य – विधायक

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सागर विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार की वित्तीय नीति और योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार FRBM अधिनियम 2005 के तहत सीमित और अनुशासित तरीके से ऋण ले रही है तथा उसका पूरी पारदर्शिता और सदुपयोग किया जा रहा है।

विधायक श्री जैन ने सदन में कहा, “FRBM (Fiscal Responsibility and Budget Management) अधिनियम के अनुसार कोई भी राज्य केंद्र सरकार की अनुमति के बिना ऋण नहीं ले सकता। इसके अंतर्गत राज्य की ऋण सीमा उसकी आय का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। हम न केवल इन नियमों का पालन कर रहे हैं, बल्कि लिए गए ऋण का पूंजीगत व्यय, स्वास्थ्य, रोजगार और आधारभूत संरचना में उपयोग कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2025-26 में राज्य की अनुमानित जीडीपी 29 प्रतिशत है, जबकि सरकार 38 से 40 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय कर रही है, जो राज्य की विकासशील नीतियों को दर्शाता है।

श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार का फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और रोजगार उपलब्ध कराने पर है। उन्होंने यह भी बताया कि फिजिकल हेल्थ इंडेक्स 2025 में मध्यप्रदेश की स्थिति उल्लेखनीय रूप से सुधरी है। अपने संबोधन के अंत में विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने विश्वास जताया कि “मध्यप्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में सरकार सुदृढ़ और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है।”