बढ़े हुए प्रदूषण के कारण 12 प्रतिशत एलर्जी के मरीज़ों में वृद्धि
डॉ तल्हा साद
विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक
चेस्ट विभाग
बुंदेलखण्ड मेडीकल काॅलेज , सागर
इस साल प्रदूषण का स्तर पिछले कई सालों की तुलना में काफ़ी ज़्यादा बढ़ गया है. इसके कई कारण हैं जिनमे मुख्य कारण शहर में विभिन्न जगह निर्माण कार्य चल रहें हैं उनसे निकल रही धूल और धुँध है . इसके अलावा गाड़ियों की संख्या में भी काफ़ी वृद्धि हो गयी है.
इस साल एलर्जी से ग्रसित मरीज़ों की संख्या में पिछले साल की अपेक्षा 12 प्रतिशत अधिक मरीज़ सरकारी हॉस्पिटल में देखने को मिल रहे हैं. एलर्जी के मरीज़ों में लगातार सर्दी बने रहना, खांसी चलना और साँस फूलने की परेशानी देखने को मिल रही है. ये एलर्जी के मरीज़ अगर समय पर दवा और परहेज़ नहीं कर रहे हैं तो आने वाले वर्षों में 65 फ़ीसदी ऐसे मरीज़ों को अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाएगी.
बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कंट्रोल करने के लिए कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण कदम जल्द उठाने की आवश्यकता है जैसे जहां जहां निर्माण कार्य हो रहे है वहाँ बीच बीच में पानी का छिड़काओ ज़रूरी है जिससे बढ़ते डस्ट को कंट्रोल किया जा सके. शहरवासियों से अनुरोध है कि जितना संभव हो सके सिटी बस और अन्य शेयर किये हुए गाड़ियों का इस्तेमाल कर के प्रदूषण को कम करने में मदद करें .
आम जन से अनुरोध है के जब भी बाहर जायें तो मास्क अथवा रूमाल या गमछा ज़रूर इस्तेमाल करें . इससे धूल और अन्य इन्फेक्शन से बचने में काफ़ी मदद मिलेगी.
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