चिकित्सा शिक्षा की क्वालिटी कायम रखने के लिए बनाई एक केंद्रीय संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन का एक आदेश निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. यह कहना है बुंदेलखंड चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सर्वेश जैन का.
इन्होंने कहा कि NMC द्वारा जारी करे एक आदेश के अनुसार अब मेडिकल कॉलेज के सौ मीटर के दायरे में रहकर ही, मोबाइल ऐप पर चेहरा दिखाने से अटेंडेंस मान्य होगी , जिसके लिए जीपीएस लोकेशन सदैव ऑन रखना पड़ेगी.
यह सभी चिकित्सा शिक्षकों की जासूसी ज्यादा प्रतीत होती है और कई वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक अभी भी कीपैड वाला मोबाइल उपयोग करते हैं उनके लिए यह नई समस्या है.
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अनुसार नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा शिक्षा की क्वालिटी चेक नहीं की जा रही और इस किस्म की ताका-झाँकी ज्यादा की जा रही है . जिसके विरोध स्वरूप बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षक संघ द्वारा आज काली पट्टी बांध कर कार्य किया गया और इसी तारतम्य में 21 अप्रैल को दोपहर एक बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सचिव डा अखिलेश रत्नाकर ने बताया इस संबंध में NMC को भी पत्र लिख कर विरोध जताया है और आगे भी उग्र आंदोलन करेंगे.
सभी सदस्यों का कहना था मेडिकल कॉलेज खोलने की परमिशन बहुत कम संसाधन में देकर NMC भारतीय चिकित्सकों का गुणात्मक स्तर नीचे गिराने पर उतारू है . हर मेडिकल कॉलेज में बेहिसाब सीटें स्वीकृत कर ट्रेनिंग का स्तर बहुत गिरा दिया है कि आज के डॉक्टर बिना कुछ सीखे निकल रहे हैं.

