झील किनारे मोंगा बधान से संजय ड्राइव की ओर आते जाते समय लगभग 125 फ़ीट का एरिया राजशाही वास्तुकला का अनुभव करा रहा है। राजनगर मार्बल से बनी यहां की आकर्षक कलाकृति को लगभग 8-10 फ़ीट ऊंचाई के 19 खम्भों पर सफ़ेद संगमरमर के नक्काशीदार मेहराब और जालियों से राजिस्थान के प्रशिक्षित कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है।
भारत के स्मार्ट सिटीज मिशन अंतर्गत विकसित होते सागर के शहरी बुनियादी ढांचे में विकास और सौन्दर्य का एक और नायाब नजारा शनिवार की सुबह देखने मिला
यह नजारा उस समय देखने मिला जब नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड राजकुमार खत्री शनिवार को सुबह-सुबह लाखा बंजारा झील कायाकल्प एवं सौन्दर्यीकरण के शेष बचे कार्यों का निरीक्षण करने मोंगा बधान के पास पहुँचे.
झील किनारे नागरिकों को पैदल घूमने हेतु बनाये गए लगभग साढ़े पांच किलोमीटर पाथवे को अलग-अलग थीम पर सजाया जा रहा है।
झील किनारे मोंगा बधान से संजय ड्राइव की ओर आते जाते समय लगभग 125 फ़ीट का एरिया राजशाही वास्तुकला का अनुभव करा रहा है। राजनगर मार्बल से बनी यहां की आकर्षक कलाकृति को लगभग 8-10 फ़ीट ऊंचाई के 19 खम्भों पर सफ़ेद संगमरमर के नक्काशीदार मेहराब और जालियों से राजिस्थान के प्रशिक्षित कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है।
झील की भीतरी बाउंड्री पर इस कलाकृति के एक ओर कोबल स्टोन से बना पाथवे तो दूसरी ओर स्वच्छ पानी से लबालव झील का आकर्षक नजारा है।
निगमायुक्त ने इस कलाकृति का निरीक्षण करते हुये कहा कि सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कायाकल्प से लाखा बंजारा झील अपने सौन्दर्य का नया इतिहास लिख रही है
आयुक्त ने निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों को निर्देशित करते हुये कहा की दिन में यहां का नजारा जितना खूबसूरत लग रहा है रात में भी इतना ही सुंदर दिखे। इसके लिए झील किनारे इस क्षेत्र में पर्याप्त फसाड लाइटिंग करें।
संगमरमर रात में भी चमके इसके लिए सफ़ेद रौशनी का प्रबंध करें और निर्माण-कार्य पूरा होते ही तत्काल पाथवे पर पड़ी अनुपयोगी निर्माण सामग्री हटवाकर साफ-सफाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की निर्माणाधीन झील का सौन्दर्य लोगों को आकर्षित करने लगा है लगातार झील किनारे घूमने वालों की संख्या बढ़ रही है।
अन्य शहरों से आने वाले लोग भी झील को देखने और घूमने आ रहे हैं। नौकायान का आनंद ले रहे हैं। शेष बचा सौन्दर्यीकरण कार्य पूरा होने पर सागर की यह ऐतिहासिक झील धार्मिक पर्यटन और विरासत पर्यटन का मुख्य केंद्र बनेगी। इस विशाल झील में नौकायान और जलक्रीडा (वॉटर स्पोर्ट्स) की अपार सम्भावनायें हैं। झील किनारे पहुंचकर यहां आस-पास विकसित की गई विभिन्न सुविधाओं को पाकर नागरिक अपने परिवार जनों, मित्रों आदि सहित आनंद और उत्साह के साथ समय बिता सकेंगे।

