शहर की दो बड़ी निजी अस्पतालों ने जमा किया शुल्क.

नगर के खेमचंद अस्पताल तथा चैतन्य महाप्रभु अस्पताल द्वारा मार्च 2024 तक के उपभोक्ता शुल्क की राशि 02 लाख 67 हजार रुपये का प्रथक-प्रथक रूप से पूर्ण भुगतान कर दिया गया है.

नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री द्वारा नगर के सभी अस्पताल तथा नर्सिंग होम से यह अपील की है कि अपने संस्थान से निकलने वाले सूखे एवं गीले कचरे के उपभोक्ता शुल्क का भुगतान समय पर करें तथा भविष्य में अधिभार एवं अन्य वैधानिक कार्रवाइयों की समस्या से बचें.

नगर निगम सागर द्वारा नगर की अस्पताल एवं नर्सिंग होम से गीला एवं सूखा कचरा एकत्रित किया जाता है तथा इस कचरे का उपभोक्ता शुल्क लिया जाता है. नगर निगम द्वारा एकत्रित किए जाने वाले गीले कचरे में अस्पतालों द्वारा उत्पन्न खाद्य पदार्थों के बचे हुए भाग, फल सब्जी आदि के छिलके, नर्सिंग होम एवं अस्पताल में स्थित कैंटीन से निकलने वाले खाद्य पदार्थ की जूठन आदि शामिल होते हैं. इसके साथ ही अस्पतालों से निकलने वाले सूखे कचरे जिसमें कागज पॉलिथीन के रैपर तथा दवाइयां के रेपर तथा अन्य प्रकार का सूखा कचरा भी शामिल है. साथ ही सूखे एवं गीले कचरे के अलावा अस्पतालों द्वारा बड़ी मात्रा में बायोमेडिकल वेस्ट भी उत्सर्जित किया जाता है जिसमें जैविक संक्रामक कचरा तथा संभावित जैविक संक्रामक कचरा शामिल होता है. शासन की गाइडलाइन अनुसार अस्पतालों को इस बायोमेडिकल वेस्ट का शत प्रतिशत सुरक्षित निपटान करना आवश्यक होता है जिसके लिए अस्पताल एवं नर्सिंग होम द्वारा उक्त कार्य के लिए निर्धारित संस्थाओं के साथ अनुबंध किया जाता है एवं उन्हें भुगतान किया जाता. इन संस्थाओं के द्वारा अस्पतालों से निकलने वाले सूखे एवं गीले कचरे का एकत्रीकरण नहीं किया जाता न ही उसका प्रसंस्करण किया जाता है.


नगर निगम द्वारा जो गीला एवं सूखा कचरा अस्पतालों से एकत्रित किया जाता है उसके उपभोक्ता शुल्क के बिल अस्पताल एवं नर्सिंग होम को जारी किए गए थे तथा बिल जमा न करने पर वर्तमान में संबंधित संस्थाओं को नोटिस जारी किए गए हैं.