
शासन के निर्देश अनुसार चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रचलन को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, सागर नगर पालिक निगम के आयुक्त राजकुमार खत्री के निर्देश अनुसार वार्डों में सिंगल यूज़ पॉलिथीन के प्रचलन को रोकने के लिए जोन प्रभारियों और सफाई दरोगाओं द्वारा वार्डाे में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है साथ ही अमानक पॉलिथीन का उपयोग करने वाले दुकानों का निरीक्षण कर 45 किलो पॉलिथीन जप्त कर दो हजार रुपए की राशि का चालान किया गया एवं नागरिकों तथा दुकानदारों को अमानक पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े या कागज से बने थैलों का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
चिन्हित सिंगल यूज़ प्लास्टिक
प्लास्टिक की डांडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी, स्टिक्स ,आइसक्रीम की डंडिया पाली स्टाइरीन( थर्माेकोल) की सजावटी सामग्री, प्लास्टिक प्लेट, कप, ग्लास, कांटे ,चम्मच,प्लास्टिक चाकू, स्ट्रा ट्रे, कटलरी मिठाई के डिब्बे के इर्द-गिर्द लपेटने या पैकेजिंग फिल्में , 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक या पीवीसी बैनर आदि.
अभियान के अंतर्गत दुकानदारों को समझाईश दी जा रही है कि अमानक पॉलिथीन या प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है इसलिए इनका इस्तेमाल न करें और दूसरे लोगों को भी सलाह दें कि वह उनका इस्तेमाल न करें.
सिंगल यूज पॉलिथीन से होने वाले नुकसान- सिंगल यूज पॉलिथीन का इस्तेमाल करने से उसमें रखी खाद्य सामग्री प्रदूषित होती है और जितने बार हम पॉलिथीन में सामग्री लाते हैं उतनी पॉलिथीन कचरा के रूप में घर में आती है, पालीथीन में खाद्य सामग्री भरकर बाहर फेंकने से जानवरों के खाने से उन्हें हानिकारक है तथा नालियों को चोक करती है या जलस्रोतों के पास फेंकने से यह गलनशील न होने के कारण जल स्रोतों की भूमि को भी प्रदूषित करती है. इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वह धातु, मिट्टी या चीनी मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग कर पर्यावरण को सुरक्षित करने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को नुकसान से बचायें.
निगमायुक्त ने की अपील
नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने नागरिकों से अपील की है कि पॉलिथीन पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया गया है, ऐसे में दुकानदारों और नागरिकों को इसके उपयोग न करने के शहर हित में अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा और कपड़े या कागज से बने थैलों का उपयोग करने की आदत अपने व्यवहार में लाकर शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाएं.

