जल गंगा संवर्धन अभियान 2025 के तहत जल संरक्षण हेतु नगर पालिक निगम क्षेत्र में जलस्रोतों, स्टॉर्म वॉटर नालों की साफ-सफाई आदि बारिश पूर्व की जा रहीं तैयारियों का शुक्रवार को सुबह-सुबह निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ स्मार्ट सिटी राजकुमार खत्री ने औचक निरीक्षण कर जायजा लिया।
उन्होंने शिवाजी नगर वार्ड, मधुकर शाह वार्ड और गौर नगर वार्ड में नाले-नालियों की सफाई कार्य का निरिक्षण किया। उन्होंने तहसीली क्षेत्र में नाला सफाई के निरीक्षण के दौरान कचरे में निकली बिसलरी आदि पानी की खाली प्लास्टिक बॉटलें, पानी पाउच, प्लास्टिक दोना, डिस्पोजल ग्लास, पॉलीथिनों में भरे खाली रैपर, मेडिकल दुकान का पैकिंग मटेरियल वेस्ट, चिप्स के खाली पाउच सहित अन्य पैकिंग मटेरियल, डिब्बे-डिब्बियां, कांच की शीशी आदि कचरा सामग्री देखकर उक्त कचरे की पहचान सफाई-मित्रों के माध्यम से कराई जिसमें वह कचरा नजदीकी दुकानदारों की दुकान का पाया गया।
निगमायुक्त के नवाचार “कचरा खुद बोलेगा की मैं किसका हूँ” पहल के तहत कचरा फेंकने वाले दुकानदारों की पहचान कर चालानी कार्यवाही की गई।
मेडिकल दुकान के पैकिंग मटेरियल आदि वेस्ट कचरे से उक्त कचरा फेंकने वाले नजदीकी मेडिकल संचालक की पहचान कर चालानी कार्यवाही की गई। इसी प्रकार अन्य दुकानदारों की भी कचरे से पहचान करते हुए कुल 4 हजार रूपये की चालानी कार्यवाही की गई। निगमायुक्त ने सभी को समझाईश देते हुए कहा की नाले-नालियों में उक्त सभी प्रकार का कचरा फेंकने से धीरे-धीरे नाले नालियों में कचरा जमा हो जाता है और गहरे नाले भी कचरे से भरकर चोक हो जाते हैं जिससे शहर में जलभराव की स्थिति निर्मित होती हैं और आपकी छोटी सी लापरवाही से शहर का बड़ा क्षेत्र जलभराव से प्रभावित होता है। आपके उक्त कृत्य से स्थानीय रहवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। जिन क्षेत्रों में नाले चोक नहीं होते वहां बारिश के दौरान यह कचरा बहकर जलस्रोतों में पहुंचकर उन्हें प्रदूषित करता है। उन्होने कहा की सभी दुकानदार व नागरिक अपनी दुकानों, घरों में डस्टबिन अवश्य रखें और गीला सूखा-कचरा अलग-अलग एकत्र कर कचरा कलेक्शन वाहनों में ही दें। उन्होंने कहा की आप सब नागरिकों की सुविधा के लिए ही कचरा कलेक्शन वाहन घर-घर, दुकान-दुकान पहुंच कर कचरा संग्रहित कर रहे हैं। सभी दुकानदार अपने ग्राहकों को खाली पैकेट, रैपर, दोना आदि सभी प्रकार का कचरा डस्टबिन में डालने हेतु प्रेरित करें, और एकत्र कचरे को कचरा कलेक्शन वाहनों में ही दें न की नजदीकी नाले-नालियों का उपयोग कचरे दान की तरह करें। कचरा वाहन आपके द्वार पर न पहुँचे तो टोल फ्री नंबर पर या वार्ड के सफाईमित्रों को सूचित करें। नाले-नालियों में कचरा फेंकते पाये जाने पर या उक्त फेंके गए कचरे से संबंधित फेंकने वाले की पहचान कर सख्त चालानी कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने सभी सफाई-मित्रों और सफाई-कार्य सम्बन्धित मशीन चालकों को निर्देशित करते हुये कहा की उक्त सभी प्रकार के कचरे पेड़-पौधे खरपतवार और शिल्ट आदि को निकाल कर नाले-नालियों की समुचित सफाई सुनिश्चित करें ताकि आगामी बारिश के दौरान वर्षाजल की निकासी सुगमता से हो और शहर में कहीं भी जलभराव की स्थति से नागरिकों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा की विगत समय में विकास कार्यों के दौरान अधिकांश नाले-नालियों सहित स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज़ सिस्टम का सीमेंट कांक्रीट आदि से पक्का निर्माण कर शहर के ड्रेनेज़ सिस्टम में सुधार किया गया है फिर भी शहर के जिन निचले क्षेत्रों में विगत वर्ष जल भराव की स्थति बनी थी उन क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ नाले-नालियों की सफाई करें और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। वर्षा के दौरान शहर का कोई भी नागरिक जल भराव से प्रभावित न हो यह हमारी पहली प्राथमिकता है और इसके लिये निगम के सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी समुचित प्रयास करे। जहाँ मशीनों की आवश्यकता हो वहां मशीनों से और जहाँ मशीने नहीं पहुंच सकतीं वहां सफाई मित्रों के माध्यम से नाले-नालियों आदि की सुरक्षित साफ-सफाई कर निर्बाध जल निकासी सुनिश्चित करें।
