सत्संग कार्यक्रम संपन्न

विश्व एवं राष्ट्र कल्याण की भावना से हो रहे बंडा स्थित राम मंदिर में ब्रह्मलीन गृहस्थ संत पूज्य पंडित श्री देव प्रभाकर शास्त्री महाराज की कृपा पात्र श्री राम दरबार मंदिर के महंत केशव गिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में तीन दिवसीय असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं श्री शिव महापुराण सत्संग कार्यक्रम के विराम दिवस पर उमड़ा विशाल जन सैलाब को महाराज जी ने श्री शिव महापुराण में वर्णित रुद्राक्ष की महिमा को बताया और कहा कि भगवान शिव का वरदान स्वरुप हम सभी को यह रुद्राक्ष प्राप्त हुआ है भगवान शिव ने यह वरदान के रूप में हम सभी जीवों को रुद्राक्ष उत्पन्न किया है जिन मनुष्य के शरीर पर यह रुद्राक्ष रहता है मस्तक पर भस्म रहती है और मुख से शिव नाम का उच्चारण करते रहते हुए वह मनुष्य इस संसार में धन्य है वह मनुष्य मोक्ष के अधिकारी हो जाते हैं, रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य यमपुरी में पूजित होते हैं। 

प्राण में वर्णित है कि भगवान शिव की आराधना रुद्राक्ष धारण करके ही करनी चहिए। बिना रुद्राक्ष धारण किए हुए भगवान शिव का पूजन भगवान शिव स्वीकार नहीं करते। इसलिए हर मनुष्य को रुद्राक्ष यत्न से प्रयत्न करके सदैव रुद्राक्ष धारण करके रखना चाहिए।

महाराज जी ने प्रवचन में कहा कि मंदिर की शोभा भगवान के पास बैठे हुए पुजारी और मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारी से होती है क्योंकि संसार में भगवान को दीनानाथ कहा गया है जो दीनों के नाथ हैं वही दीनानाथ हैं महाराज जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्म दिवस पर अपने माता-पिता और अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि पर एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए क्योंकि यह संसार में प्रकृति भी भगवान का ही स्वरूप माना गया है प्रकृति ही भगवान है और भगवान ही प्रकृति है। 

कार्यक्रम समिति के सदस्य वीरेंद्र सिंह हिंडोरिया एवं श्रीकांत सराफ जी , अभिषेक गौर ने बताया कि समापन पर मुख्य रूप से अशोक सिंह बामोरा, पूर्व विधायक तंवर सिंह लोधी धर्मेंद्र गौतम सिद्धार्थ सिंह बामोरा, राजकुमार पचौरी,अभी कटारे,सुधीर तिवारी भूपेंद्र सिंह सिगदौनी, देव प्रशांत सिंह ठाकुर अवधेश शर्मा बृजनंदन शुक्ला देवेंद्र मिश्रा बद्री प्रसाद मिश्र जगदीश सिंह, गुड्डू पाठक अंजुल शुक्ला, लोकेश तिवारी, मोनू तिवारी, राजा रिछारिया, इंजी महेन्द्र गोस्वामी,पुष्पेंद्र सिंह सहावान आदि अनेक जनप्रतिनिधि अधिक गणमन नागरिकों से अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।