शतरंज के खेल में अथर्व को सबसे ज्यादा घोड़ा पसंद है अथर्व का मानना है अगर दोनों घोड़े अपोनेंट पर अटैक कर दें तो उनका कैलकुलेशन लगा पाना बहुत कठिन कार्य होता है और जो की वजीर से भी खतरनाक है
अंडर 11 ओपन नेशनल शतरंज प्रतियोगिता जो कि भारत सरकार द्वारा और अखिल भारतीय शतरंज संघ द्वारा हर वर्ष आयोजित होती है उसमें समाजसेवी मुकेश साहू के पुत्र अथर्व वेद साहू ने तेलंगाना स्टेट के अंतरराष्ट्रीय रेटेड खिलाड़ी को हराकर खुद की इंटरनेशनल रेटिंग प्राप्त की । और अथर्व सागर संभाग के अभी तक के सबसे कम उम्र के 11 वर्ष के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बने गये हैं ।
अथर्व की शिक्षा पारस विद्या विहार स्कूल में चल रही है ।
अथर्व शतरंज का प्रशिक्षण ओलंपिया शतरंज एकेडमी स्मार्ट सिटी स्टेडियम में लेते हैं उनके कोच अभिजीत अवस्थी ने बताया अथर्व बहुत ही लगनशील मेहनती विद्यार्थी है एवं शतरंज में जो आवश्यकता होती है वो धैर्य और अनुशासन सब अथर्व में है । तेलंगाना हैदराबाद में चल रही प्रतियोगिता में 25 प्रदेशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया जिनकी संख्या 400 से अधिक है । हर प्रदेश से चयनित होकर खिलाड़ी हैदराबाद गए हैं सागर संभाग से सिर्फ अथर्व खेलने गए हैं । अथर्व इससे पहले मध्य प्रदेश में जबलपुर स्टेट प्रतियोगिता में दूसरा स्थान भी प्राप्त कर चुके हैं अभी वह पांचवी कक्षा में हैं । उनको शतरंज खेलने की प्रेरणा अपनी मां प्रीति साहू से मिली । शतरंज की दुनिया में सागर का गौरव बन चुके अथर्व साहू दिसंबर में मदुरई भी खेलने जा रहे हैं अथर्व ओपनिंग, मेडल गेम,एंड गेम तीनों स्टेज में माहिर हैं । शतरंज के खेल में अथर्व को सबसे ज्यादा घोड़ा पसंद है अथर्व का मानना है अगर दोनों घोड़े अपोनेंट पर अटैक कर दें तो उनका कैलकुलेशन लगा पाना बहुत कठिन कार्य होता है और जो की वजीर (रानी) से भी खतरनाक है अथर्व निरंतर रोज 2 घंटे सिटी स्टेडियम सागर में शतरंज का प्रशिक्षण लेते हैं ।