BTIE में युवा शक्ति को समर्पित “विवेकानंद जयंती”

हमें खुद को रोकने की जरुरत नहीं है, बल्कि हमें स्वामी जी के जीवन के प्रकाश से अपने आत्मविकास को बढ़ाना चाहिए और उन्हें अपना आदर्श बनाना चाहिए. राजू टंडन (प्राचार्य)

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर, बी.टी इंस्टीट्यूट ऑफ़ एक्सीलेंस कॉलेज , सागर ने एक भव्य कार्यक्रम किया. जिसमें विभिन्न छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.

कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. राजू टंडन ने इस समारोह में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हमें खुद को रोकने की जरुरत नहीं है, बल्कि हमें स्वामी जी के जीवन के प्रकाश से अपने आत्मविकास को बढ़ाना चाहिए और उन्हें अपना आदर्श बनाना चाहिए. उन्होंने बताया कि स्वामी जी के “उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत” मूलमंत्र को आज के युवा वर्ग को आत्मसात् करना चाहिए. उन्हें ध्यान, धर्म, शक्ति और सेवा का मार्ग अपनाकर अपने चरित्र का निर्माण करना चाहिए. यह आज के समय की भी मांग है. ऐसा होने पर हमारा देश एक बार फिर विश्व गुरु के रूप में स्थापित हो जाएगा. इस समर्थन और प्रेरणा से भरे समारोह में, सभी छात्र-छात्राओं ने एक साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों का आदर किया और उनके मार्गदर्शन में अपने भविष्य की दिशा में बढ़ने का संकल्प लिया. श्री टंडन ने कहा कि इस अद्वितीय समारोह से सभी एक नए उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ें. इस समारोह ने सभी छात्र छात्राओं को युवा शक्ति की महत्वपूर्णता को समझाया और उसे समृद्धि और सफलता की दिशा में मुखरित करने के लिए प्रेरित किया.

बी.ए.बी.एड की छात्रा प्रगति पाठक ने अपने भाषण में कहा की स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया ओजस्वी भाषण आज तक भारतवासियों को प्रेरणा दे रहा है. साथ ही साथ स्वामी जी के जीवन से निकली अमूल्य शिक्षाओं का सार सुनाया और सभी को उनके मार्गदर्शन का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया.

हर्ष जैन ने कहा कि स्वामी जी ने कहा था कि उठो जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो, हमें हमेशा त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए, हमें अपने आप को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए, हमें मेहनत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए, हमें ज्ञान प्राप्त करने के लिए सिर को ऊंचा रखना चाहिए, लेकिन अहंकार से सिर ऊंचा नहीं करना चाहिए.

रिया जैन ने भी इस अद्वितीय समारोह में अपने भाषण से स्वामी विवेकानंद के जीवन का परिचय दिया और सभी को उनकी महानता की ओर मोड़ने के लिए प्रेरित किया.

इस दौरान, बी.टी. इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस के सम्पूर्ण स्टाफ और छात्र/छात्राएं आयोजन में सम्मिलित रहे. इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंजली दुबे ने किया.

इस कार्यक्रम में प्रोफेसर सुबोध जैन, संदीप जैन (बी.टी.इंस्टिट्यूट ऑफ़ एक्सीलेंस के डायरेक्टर), डॉ.संचिता जैन, डॉ ऋतु जैन, श्रीमती किरण तिवारी, सुश्री दीप्ति पटेल, डॉ. आकृति कन्नौजिया, साबिर आज़ाद, श्रीमती हेमलता पांडेय , आकाश लिटोरिया, वैभव नामदेव, आदि शिक्षकगण उपस्थित रहें.