विश्वविद्यालय और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्त्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित.
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के जूलॉजी विभाग में बुधवार को जेडएसआई के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कुलगुरू प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में यह कार्यशाला हुई जिसमें जेडएसआई से डॉ अंजुम रिजवी मुख्य अतिथि थीं. कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो डी.पी. गुप्ता रहे.
मिट्टी एवं जलीय जीवों को अलग करने एवं लक्षण वर्णन तकनीकी विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रो. वर्षा शर्मा ने कार्यशाला की प्रारंभिक जानकारी दी. कार्यशाला कोऑर्डिनेटर प्रो. श्वेता यादव ने कहा कि कार्यशाला एप्टरीगोट्स नेमाटोड केंचुए और मछलियां मुख्य रूप से एप्टीगोटस नेमाटोडस केंचुए और मछलियों पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि कार्यशाला में लगभग 65 विद्यार्थियों ने पंजीयन किया. प्रशिक्षण में विद्यार्थियों को परंपरागत पहचान की तकनीक की जानकारी दी जायेगी. अनुसंधान एवं विकास के निदेशक प्रो. एच थॉमस ने विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रम की जानकारी दी. कार्यशाला की अध्यक्षता जेडएसआई डॉ. अंजुम रिजवी ने कहा जेडएसआई विभिन्न राज्यों के जीवों का अध्ययन एवं क्षेत्रीय जीव संरक्षण पर कार्य कर रही है. इसके साथ ही हम भारत में परिस्थिति की अध्ययन एवं पर्यावरण प्रभाव का आंकलन पर भी कार्य कर रहे हैं. इस कार्यशाला में परंपरागत पहचान की तकनीकि पर चर्चा करेगें.
कुलगुरू प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से जेडएसआई और विश्वविद्यालय मिलाकर कार्य कर रहे हैं जिससे विद्यार्थियों को अधिक से अधिक नई तकनीकि की जानकारी दी जा सके. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अभी तक 69 एमओयू साइन कर चुका है. अभी हाल ही में हिमांचल विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया गया है. जिससे विभिन्न क्षेत्र के विद्यार्थियों को अन्य क्षेत्र में रिसर्च करने में मदद मिलेगी. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) पर्यावरण और वन मंत्रालय का एक अधीनस्थ संगठन है. ये प्राणियों के बारे में ज्ञान का भण्डार है. जेडएसआई के 16 केंद्र हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय की ओर से जेडएसआई के साथ एमओयू साइन किया जायेगा, जिससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके. कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डीपी गुप्ता ने कहा कि जूलॉजी विभाग के लिये सौभाग्य है कि वर्तमान में माननीय कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता भी जूलॉजी विभाग से ही हैं. जिससे विभाग को भविष्य में इसका लाभ मिलेगा. कार्यशाला में तकनीकि मत्स्य वैज्ञानिक प्रो. जर्नद प्रसाद शुक्ला इंदिरा गांधी ट्रॉयबल विश्वविद्यालय (अमरकंट) भी उपस्थित रहे जो मत्स्य परजीवि के अध्ययन की तकनीकी विद्यार्थियों को सिखायेंगे. डॉ. गुरूपदा मडल ने मृदा के सूक्ष्म कीटों के बारे में गहन अध्ययन कराया सत्र, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. स्मिता बेनर्जी ने लिया. सभी का आभार डॉ. पायल महोबिया ने व्यक्त किया.
कार्यशाला में पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो सुबोध जैन, प्रो यू.एस गुप्ता, डॉ जी.पी. शुक्ला, रीतिका, प्रो एम. एल. खान, डॉ. राजकुमार कोईरी, सहित अन्य फैकेल्टी उपस्थित रही.