सागर : हटाई जायेंगी अवैध काॅलोनी

शासन के आदेशानुसार नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री के निर्देश पर नगर निगम द्वारा अवैध कालोनी विकसित करने वाले कॉलोनाइजर्स पर सख्त कार्यवाही करते हुए दूसरे दिन शनिवार को पंतनगर वार्ड में 13 और संत रविदास वार्ड स्थित 6 अवैध कालोनी विकसित करने वाले कॉलोनाइजर्स को कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें 15 दिवस के भीतर मय दस्तावेजों के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं । जबाब प्रस्तुत न करने की स्थिति मे कॉलोनी में किए गए सभी विकास निर्माण हटाए जाकर नगर पालिक निगम 1956 के सुसंगत प्रावधानों के तहत दांडिक कार्यवाही के लिए संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

निगम उपायुक्त के द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लेख किया गया है कि सहायक यंत्री , उपयंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किए गए स्थल निरीक्षण में पाया गया है कि कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी निर्माण के लिए जरूरी कार्यवाही, दस्तावेज और निर्माण कार्य किए बिना कृषि भूमि को खंड-खंड प्लाट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया गया है जो कि मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के उपबंधों का स्पष्ट उल्लंघन है।

निरीक्षण के दौरान यह पाई गई कमियां

उपायुक्त एस एस बघेल ने इंजीनियर दिनकर शर्मा के साथ पंतनगर वार्ड एवं संत रविदास वार्ड में बामनखेड़ी में विकसित की गई कॉलोनी का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान पाया कि जिन लोगों द्वारा कालोनियां विकसित की गई हैं उनकी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एवं नगर निगम द्वारा स्वीकृति नहीं ली गई है साथ ही नियम विरुद्ध तरीके से कॉलोनी काटकर प्लाट बेच दिए हैं।

निरीक्षण के दौरान पाया कि कालोनाइजरों ने लाइसेंस लिए बिना भूमि के व्यपवर्तन बिना ग्राम एवं नगर निवेश की अनुमति के बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए भूखंडों, भवनों का प्रावधान,विकास अनुमति,आश्रय शुल्क का भुगतान तथा बाह्य विकास जैसे -रोड, नाली, सीवरेज, जलप्रदाय ,विद्युत लाइन तथा बिना आंतरिक विकास, भूमि का समतलीकरण, प्रस्तावित मार्गों का सीमांकन, पुलियों का निर्माण, पार्क निर्माण ,जल निकासी की व्यवस्था, जलप्रदाय व्यवस्था, आंतरिक सीवर लाइन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, आंतरिक विद्युत प्रणाली का विकास, ओवरहेड टैंक, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन ,वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम किए बिना कृषि भूमि को खंड-खंड प्लाट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया गया है।