▫️”सागर का सुकून”..अमानक पाॅलिथिन को न..न..

अमानक पॉलिथीन का प्रचलन वर्तमान समय में स्वच्छता, पर्यावरण प्रदूषण, भूमिगत जल स्रोतों का प्रदूषण, और जानवरों की असमय मृत्यु की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है, इसलिए जरूरी है कि स्वयं इसका प्रयोग ना करें और दूसरों को भी इसके प्रयोग करने से रोकने के लिए प्रेरित करें ताकि इसके प्रचलन को रोकने नागरिकों में जागरूकता आये और इसके विकल्प के रूप में नागरिक कपड़े से बने थैलों और कागज के लिफाफों का प्रयोग करें, जिसके दो फायदे हैं,एक पॉलिथीन के रूप में प्रतिदिन घरों में आने वाला कचरा रुकेगा और दूसरा कपड़े से बने थैलों में सामग्री लाने से वह प्रदूषित नहीं होगी.

“सागर का सुकून” अभियान के अंतर्गत नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री द्वारा डिस्पोजल सामग्री और अमानक पॉलिथीन के प्रचलन को रोकने नागरिकों को जागरूक करने के लिए सांकेतिक रूप से चाय ठेला वालों को कांच के गिलास देकर इनका उपयोग करने और कपड़े से बने थैलो को देकर लगातार जागरूक किया जा रहा है.

इसी मुहिम के अंतर्गत निगम आयुक्त श्री खत्री ने सुबह सब्जी मंडी पहुंचकर वहां पॉलिथीन में सब्जियां खरीद रहे नागरिको को कपड़े से बने थैले वितरित करते हुए अपील की कि खाद्य सामग्री, फल सब्जी को लाने ले जाने में कपड़े से बने थैलों का उपयोग करें और दूसरे नागरिको को भी कपड़े से बने थैलों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें, जिससे पॉलिथीन से हमारे शहर को मुक्ति मिले, और शहर को स्वच्छ बनाने में नागरिकों की सहभागिता हो.

पहले घर से निकलते समय थैला साथ में होता था.

पुराने समय की बात है जब हमारे बुजुर्ग घर से निकलते समय थैला साथ में रखते थे और अगर कोई बाजार से सामग्री लाना हो तो थैलो में लाते थे लेकिन शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण धीरे-धीरे यह हमारी प्राचीन परंपरा समाप्त होती गई और अब हम थैलों को छोड़कर पॉलिथीन में सामग्री लाना ज्यादा सहूलियत पूर्ण समझते हैं जबकि यह नहीं जानते कि यह पॉलिथीन घर में आने पर कचरे का काम करती है, नालियों में फेंकने पर उनको चोक करती है, इनमें सड़ी गली सामग्री भरकर फेंकने पर उसे जानवर खाते हैं जो उनकी मृत्यु का कारण बनता है, ज्यादा देर तक इनमें खाद्य सामग्री रखने पर वह भी प्रदूषित हो जाती है, जलीय स्रोतों के पास इसको फेंकने पर यह गलती नहीं है और उसके आसपास की मिट्टी को प्रदूषित करती है.

“मंडी परिसर में अमानत पॉलिथीन पाए जाने पर 20 किलो पॉलिथीन जप्त की गई”.

मंडी परिसर में राघव गुप्ता द्वारा अमानक पॉलिथीन बेचते पाए जाने पर उसके पास से 20 किलो पॉलीथिन नगर निगम के अमले द्वारा जप्त की गई और उसे हिदायत दी गई की पुन: पॉलीथिन बेचते पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुहिम का किया नागरिकों ने स्वागत.

इस मुहिम का स्वागत करते हुए ग्रहणी श्रीमती रेखा ठाकुर ने कहा की नगर निगम की यह मुहिम स्वागत योग है और हम सबको पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े से बने थैलों का उपयोग करना चाहिए.

  “चाय विक्रेता संजय सेन” ने डिस्पोजल की स्थान पर निगम द्वारा कांच के गिलास या मिट्टी के कप का उपयोग तय करने हेतु प्रेरित करने चलाई जा रही इस महिम का स्वागत करते हुए अन्य लोगों से भी डिस्पोजल के स्थान पर कांच के गिलासों का उपयोग करने की अपील की.