एक दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण का शुभारंभ

संत की कृपा तर्क और दर्शन का विषय नहीं वरन् अनुभव और अनुभूति का विषय है। संत समय समय पर इस पवित्र वसुंधरा पर अवतरित होते हैं और सुपथ से विचलित समाज को सत्यमार्ग की ओर ले जाते हैं। ऐसे ही संत ब्रह्मलीन श्री देवरहा बाबा एवं पंडित श्री देवप्रभाकर शास्त्री जी (दद्दा जी) हुए। यह उद्गार पंडित श्री अनिल शास्त्री जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कहे।

दद्दाजी शिष्य मंडल द्वारा आयोजित एक दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण के आयोजन के अवसर पर शास्त्रीजी ने कहा कि परमात्मा के निराकार स्वरूप को भक्तजन साकार स्वरूप प्रदान कर शिवलिंग का निर्माण करते हैं। एक शिवलिंग के निर्माण से शिवजी की कृपा, दो से प्रतिष्ठा और तीसरे से इच्छाओं की पूर्ति होती है।

इस सनातन संस्कृति में सभी भक्तों का कर्तव्य है कि अपने संतों के बारे में भावी पीढ़ियों को जानकारी प्रदान अवश्य करें।

एक दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण का शुभारंभ पूज्य दद्दा जी की आरती से प्रारंभ हुआ। प्रातः से ही सागर नगर, मकरोनिया, बम्होरी रेंगुवा, पीतल फैक्टरी की माता बहनों ने बड़ी संख्या में शिवलिंग का निर्माण किया। श्रीरूद्राभिषेक एवं हवन के पश्चात भंडारे का आयोजन हुआ जो सायंकाल तक चला। दद्दा शिष्य मंडल, भक्त मंडल सहित होटल रियार्थ इन के संचालक अजय दुबे को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक सुनील जैन, अभय दरे, दद्दाजी शिष्य मंडल के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र सुहाने, उत्तम सिंह ठाकुर, प्रमोद उपाध्याय, शांति दुबे, अभिषेक गौर, रितेश तिवारी, सहित वरिष्ठजन एल. एन. पाठक, डॉ. एस. एम. पचोरी, माधव कटारे, गुड्डा अग्रवाल आदि ने प्रसादी वितरण की व्यवस्था की। वहीं महेंद्र गुप्ता, अजय साहू, हेमंत रेकवार ने हवन यज्ञ की व्यवस्था को संभाला।