जियो श्याम लाला -जियो श्याम लाला पीली तेरी पगड़ी रंग काला मत रो कान्हा ऊवा ऊवा समझाए आको सुनिन्दा बुआ जियो श्याम लाला खीर जलेबी लड्डू पूआ यशोमति के घर आनंद हुआ जियो श्याम लाला मथुरा से आय नन्द लाला गोपियों से पड़ गया पाला जियो नन्द लाला चरमर चरमर करे पालना ब्रिजवासी गाये जियो लाला.
कथा के आज पाँचवे दिन के रसराज दास जी महाराज ने बताया कि जहाँ उदारता होती है ठाकुर जी का जन्म वहीं होता है कंजूसों के यहां भगवान् का जन्म नहीं होता नन्द बाबा ने ब्राह्मणों को बुलवाया एवं पित्रों का पूजन करवाया जिन ब्राह्मणों ने स्वस्तिवाचन किया उनको 2 लाख गाय दान में दीं एवं गायों के सोने से सींघ एवं चांदी से खुर मडवाये एक माह तक नंदउत्सव चला बाबा ने खजाना लुटाया सोने चांदी के आभूषण एवं वस्त्र दान में दिए एवं बधाई गाये गए जियो श्याम लाला -जियो श्याम लाला पीली तेरी पगड़ी रंग काला मत रो कान्हा ऊवा ऊवा समझाए आको सुनिन्दा बुआ जियो श्याम लाला खीर जलेबी लड्डू पूआ यशोमति के घर आनंद हुआ जियो श्याम लाला मथुरा से आय नन्द लाला गोपियों से पड़ गया पाला जियो नन्द लाला चरमर चरमर करे पालना ब्रिजवासी गाये जियो लाला.बाद में भगवान् ने पूतना का वध किया पूतना 6 किलोमीटर लंबी थी पूतना श्रृंगार करके आयी थी जीव में लाखों दोष हों भगवान् नहीं देखते पूतना ने अपनी चोटी बेले के फूलों से गोंथ ली एवं सुन्दर वस्त्र धारण करे ऐसे लगती थी जैसे साक्षात् लक्ष्मी हो पूतना का वध कर उसको मोक्ष दिया. पूतना मोक्ष को जो सुनता है उसे हरी चरणों में प्रीती हो जाती है नामांकरण के लिए गर्गाचार्य जी आये गोशाला में दोनों बालकों का नामकरण करा रोहिणी के पुत्र का नाम बलराम और यशोदा के लाल का नाम कृष्ण रखा कृष्ण के कई नाम हैं और वे जो लीला करे उनका वही नाम हो जाता है. भगवान् के नाम तो वेद भी नहीं जानते. घर में अग्नि का वास रहना चाहिए इससे घर में भूत प्रेत नहीं आते पहले महिलाएं अग्निदेव का वास घर में सदैव रखती थीं. जब संकट हो तो भगवान् की शरण में चले जाएं एवं नित्य एक घंटे तक विजय मन्त्र का जाप करें विजय मंत्र है श्री राम जय राम जय जय राम जो घटना हमारे साथ साक्षात् होने वाली थी वह इस महामंत्र के जाप से स्वप्न में टल जाती है भगवान की बाल लीलाओं का कथा में वर्णन किया गया. ठाकुर जी ने एक दिन मिट्टी खाई ग्वाल बालकों ने माँ यशोदा को बता दिया मैया ने लाला को डांट लगायी तब लाला ने मैया को मुख में ब्रह्मांड के दर्शन करवा दिए मैया को चक्कर आने लगे और माँ को साक्षात ब्रह्मांड के दर्शन करवा दिए आँख से हम हरी दर्शन करें कानों से कथा का श्रवण हाथों से ठाकुर की पूजा एवं पैरों से भगवान् की परिक्रमा करें तभी हमारा मानव जीवन सफल होगा.