प्रह्लाद भक्ति हो तो कण-कण में भगवान – रसराज

आस्तिक को भगवान दर्शन होना कोई बड़ी बात नहीं है पर नास्तिक हिरण कश्यप को प्रह्लाद ने खंभे से हरी दर्शन कराया प्रेरणा जैसी भक्ति का फल है.

प्रहलाद जैसी भक्ति हो तो कण कण में भगवान दिखेंगे धर्म से संपत्ति बढ़ती है पापाचार दुराचार से भूमि अन्न नहीं देती है सूर्य की पहली किरण के समय ही 50000 गौ माता का वध हो जाता है गाय को हमें अपने हृदय में स्थान देना चाहिए प्रत्येक हिंदू को एक गाय अवश्य पालनी चाहिए जब गाय सुखी रहेगी तभी हम सब सुखी रह सकेंगे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में कथा के चौथे दिन व्यास श्री रसराज दास महाराज ने कहा कि पिता ऋषभदेव जैसा हो मां मदनलासा मदन पुत्र कपिल मित्र प्रहलाद गुरु नारद गुरु वही है जो हरि से मिलवाए संतों का दर्शन करवाए दया के साथ आसक्ति नहीं होनी चाहिए जिसे आसक्ति हो तो वही बनना पड़ता है भरत को हिरण के बच्चा से मोह हो गया अंत में मति सो गति अगले जन्म में हिरनी का बच्चा बने आप लोग घर में कुत्ते पालते हैं उनका टॉमी डॉगी इत्यादि नाम रखते हैं और बेड पर सुलाते हैं आप कुत्ते की जगह एक देसी गाय जरूर पालें अजामिल के दृष्टांत से भगवान नाम लेने से बड़े से बड़ा पाप भी भस्म हो जाता है.

कथा में आज प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत नगर विधायक शैलेंद्र जैन आर डी बड़ोनिया (सी ए) एम् डी त्रिपाठी श्याम जी दुबे ने कथा में पहुँच कर व्यासपीठ पर विराजित श्री महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया.