सागर जिले में कृषि कार्य हेतु सिंचाई सुविधाओं के विस्तार को दृष्टिगत रखते हुएसागर सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात कर बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल संकट की स्थिति से अवगत कराते हुए सागर जिले को केन-बेतवा लिंक परियोजना से जोड़ने का अनुरोध किया.
सागर सांसद ने इस आशय का ज्ञापन मंत्री महोदय को सौंपते हुए कहा कि यह परियोजना न केवल किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मुहैया कराएगी, बल्कि सागर जिले में औद्योगिक विकास का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
सागर जिले की समस्याओं और परियोजना से संभावित लाभ सागर जिला भौगोलिक दृष्टि से टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना जिलों से लगा हुआ है जो जिले केन-बेतवा लिंक परियोजना में शामिल हैं। जबकि सागर जिले में भी पानी की कमी के चलते कृषि और पेयजल की उपलब्धता गंभीर संकट बनी हुई है, क्योंकि सागर जिले का अधिकांश व्यवसाय कृषि पर निर्भर है, लेकिन पानी की कमी के कारण फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
सांसद वानखेड़े ने बताया कि जल संकट के कारण न केवल कृषि क्षेत्र प्रभावित है, बल्कि पानी की कमी से क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग भी स्थापित नहीं हो पा रहा है। इससे न केवल आर्थिक विकास रुक रहा है, बल्कि बेरोजगारी की समस्या भी है, इसलिए यदि सागर को इस परियोजना से जोड़ा जाता है तो यहां की सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे किसान सशक्त होंगे और क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार से परियोजना में सागर को शामिल करने की अपील करते हुए डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना वर्ष 2005 में शुरू की गई थी और यह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसमें सागर जिले को शामिल नहीं किया गया था जबकि जो जिले इसमें शामिल किए गए थे उनकी सीमाएं सागर जिले से लगी हुई हैं, इसलिए डॉ. वानखेड़े ने मंत्री जी से आग्रह किया कि सागर जिले को इस परियोजना से जोड़ा जाए ताकि क्षेत्र में समग्र विकास हो सके।
परियोजना से सागर के कृषकों को सिंचाई के लिए जल प्राप्त होगा और उद्योगों की स्थापना के लिए जल संसाधन उपलब्ध होंगे। इस पहल से सागर जिले का आर्थिक और सामाजिक विकास होगा ।

