“”मुखिया जी सागर में कछु ठीक नई चल रव””

अजीब से दस्तूर चल पड़े हैं हमारे शहर सागर की किस राजनैतिक फिज़ा के ।

जलवा बिखेरे हैं रुतबे में पार्टी के उन सिपाहसलारों ने जो उलझ से गये हैं किस राजनैतिक फिज़ा में ।।

तनवीर अहमद, संपादक

अपने सागर जिला में पार्टी के भीतरें जो भयंकर अनुसासन दिखत हतो अब जे अनुसासन थोड़ो हासिये पे आत भव दिख रव है मुखिया जी.

एक तरपे रहली बारे गोपाल जी दूसरी तरपे बड़े ठाकुर साब, जे दोई सब कछु देखत हते, संगठन से लेकें सरकार तक में अच्छी कलमकारी की कमान हाथ में हती सो मैनेजमेंट गुरू बने हते, खेर मैनेजमेंटवा तो अबे भी है इनकई के पास, मनो ध्यान नईं दे रये आयें, काये से सरकार बनने ओर मंत्रालय बंटवे के बाद सें सबई कछु जो बदल गव, पेरें का हतो के जे दोई भी मंत्री हते सो हमाये सागर जिला में सरकारी आयोजनों से लेकें पार्टी की विचारधारा तक की पूरी कमान इनईं हाथों में देखी जात हती, कम से कम सागर जिला में तो जेई सब हतों. कोई भी चलो आये, पार्टी के केन्द्रीय मंत्री होयें या फिर प्रदेस के मुखिया सागर आयें इनके आवे से भोतई स्वागत सत्कार की कमान और एकजुटता तनी रेत हती और जा सब दिखत भी हतो हमाये कैमरा में, और फिर आगमन के टेम पे भोतई स्वागत सत्कार के बीच में सबई की उपस्थिति के संगे संगे पार्टी खों टीम टाम पूरी एकई टोली में नजर आत हतो, कोई कहूँ न इते भगत हतो न उते न कोनऊँ एक दूसरे को छेड़वे के लांजें कोनऊँ बयानबाजी करत हतो, सबई एक प्लेटफार्मिंग टाईप को पेटर्न बनाकर चलत हते, लेकिन मुखिया जी सागर में अब जो सब खतम सो लगन लगो हे.

आपने खुदई इन्वेस्टरवा मीट में जा देख लव हुईये कैंसे कार्यक्रम के बीच में दोई बड़े नेता एकई कार में बैठकर चले गये हते हमोंरो ने भी जो देखो और मीडिया के अलावा पार्टी भी दंग सी रे गई के दोई कद्दावर वजनदारी वारे नेता कार्यक्रम के बीच में कैंसे चले गये, तो मुखिया जी आपको समझ जाने हतो के अब खेल शुरु हो गव है, वा खेल है संकेत वालो खेल, मतलब के हमोरे सीनियर होवे के बावजूद सरकार से बाहर हैं, दूसरो हमाई पूछ परख कछु कम आये दिखन लगी, और कल के दूसरी पार्टी के आये भीतरे होकर हमाई कुरसी के लिगां बैठ रये जो हमें नईं पुसा रव.

“”ईसे अब भोतई कम सरकारी लिगां खड़े दिख हैं पूरो टेम ने दे पे हैं.””

दूसरी तरपे जा फोटो वायरल होवें से पार्टी के भोत सारे समर्थक और कद वारे नेता मौकों मिलतई अपनी ढपली अपनों राग सो अलापन लगे हैं.

अब ऐसे कदवारे नेताओं को सीनियरों से कछु नई लेने देने, वे अपने हिसाब से चलन लगे हैं कोई कोनऊ की नई सुन रव, जो सब दिखन लगो हे मुखिया जी.

अब तो जा स्थिति हो गई के भोपाल में जाकर कछु छुटभैये नेता अपने बड़े नेताओं की शिकायत लेके पोंचन लगे, और मीडिया को इन्वाल्व करके अपनी पीठ थपथपवा रये.

फिर ओर खेल सुरु हो गव. अब तो जा स्थिति हो गई के महापौर को पद नई पुसा रव पार्टी केई कछु नेताओं खों, न उनको काम पुसा रव न उपस्थिति पुसा रई, इतनो मचोना मचो हे के भाजपई केई कछु पार्षद विकास के विरोध में धरने पे बेठन लगे, हव.. कछु धरना दे रये तो कछु ई धरना के समर्थन में लग गये हते. जा ऐपिसोडवा अबे खतम नोईं आ हो गव, चलई रव है. और बात आंगे बढ़ई जा रई हे और अब नगर निगम याने हमाये ई सहर की सरकार जो चल रई आये बहुमत से, तो ई सहरी सरकार में बजनदारी कोन की रेहे ? ईपे बैठकें हो रईं, गुटबाजी भोत जमसे होन लगी कछु जनें दोई तरपे चाय की चुस्कियां लेके मजा आये ले रये, जे जयचंद दोई तरपे मिल गये आयें, जे बेई आयें जो अपने आप खों पार्टी केई जुझारू समर्थक समझत हें. 

लेकिन मुखिया जी आप मानो या ने मानों अब पार्टी को वापस पगडंडी से हाईवे पर लाने के लाजें संगठन की तरपे से सागर में सकुशलता के साथ सक्रियता दिखाने पड़ हे, काये से हमाई बुद्धि जोई के रई के जो साख अबे तक पार्टी की बनी हती वो दिखई नईं रई और ईको नुकसान समय के साथ दिख हे भी. अब जोई देख लो मुखिया जी, आपके आवे से पेलें कित्ती बयानबाजी हो गई सीनियर जूनियर की लेन कहूँ से कहूँ तक दिखई नई रई आये, जो नेता रहली खुरई देख रये बे पेलें अपने लिगां के साथ साथ सागर में भोतई दखल रखत हते, मजाल तो हे के इनोरों की उपस्थिति बने रेने से सागर में पार्टी को कोई भी आदमी, पार्टी के विरोध में चीं कर देतो. लेकिन अबकी परिस्थितियों में सब कछु हो रव, पार्टी में भोतई गुटबाजी हो रई, पेलें जो होत हतो के कहूँ भी कोनऊँ सी भी विधानसभा लिगां कोनऊँ भी कार्यक्रम होत हतो सबई विधायक और जिले के मंत्री पोंचत हते, लेकिन अब ऐंसो नई हो रव. हमोरों के केमरा झूंट ने बोल हें, सबई कछु विघटन सो दिख रव है.कल मुखिया जी आप आ रये हैं सो लाखा बंजारा झील के पुनरुद्धार की आपके लाने और सबई जनों को भोत भोत बधाई, लेकिन गौर की नगरी के गौरव दिवस को नई डेट में स्थापित करबे की बधाई ने दे पे हें. काय से के गौरव दिवस गौर जयंती पर सुरु भव हतो.

साथई में दो सीनियर और भाजपा को जिले में उकेरने के लाने लोकप्रिय भये नेताओं की अनुपस्थिति जरूर अखर हे काय से कें उनकी गरिमामई उपस्थिति आमंत्रण पत्र में उकेरी नई गई, जबकि जे भोतई सीनियर कहाऊत हें तो ऐसे में देखो वे नेता आहें के नईं.

फिलहाल भरपूर उपस्थिति के साथ कार्यक्रम सानदार संपन्न हो ईके लाने भोत सुभकामनायें…जय हिंद