सागर की प्राचीन विरासत और धार्मिक आस्था का केंद्र लाखा बंजारा झील के चकराघाट पर पिछले सोमवार से शुरु हुई गंगा आरती की परंपरा अनवरत चलेगी। चकराघाट प्रति सप्ताह सोमवार को अब गंगा आरती हेतु साजसज्जा और धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन से अलौकिक होगा ।
चकराघाट और झील किनारे आगामी सावन माह के अंतिम सोमवार यानि 19 अगस्त को झील के चकराघाट की ओर नारायण मंदिर के पास बनाई गई नवाग्रह छतरियों के सामने वाले घाट पर शाम 7:30 बजे भव्य गंगा आरती की जाएगी।
इसकी तैयारियों को लेकर नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने चकराघाट पहुंचकर स्थल निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पूरे क्षेत्र की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने, नवाग्रह छतरियों के आसपास खाली पड़ी भूमि पर फ्लेग स्टोन लगाकर व्यवस्थित करने तथा शेष खाली पड़ी भूमि पर पौधे लगाने के निर्देश दिए।
आकर्षक होगा गंगा आरती का दृश्य
नवग्रह छतरीयों के पास झील किनारे आयोजित होने वाली गंगा आरती का आयोजन बड़ा मनमोहक होगा क्योंकि झील किनारे इस ओर राजस्थानी वास्तु कला से बलुआ पत्थर का उपयोग कर पांच बड़ी छतरीयां, नवाग्रह छतरीयां बनाई गई हैं। यहां धार्मिक महत्त्व के पौधे भी लगाये जा रहे हैं और घाटों पर सजाई जाने वाली दीपमाला से झील किनारे का यह नजारा और भी आकर्षक होगा।
उल्लेखनीय है कि शहर के पुरातत्व और धार्मिक आस्था के केंद्रों को संवारकर संरक्षित करने के लिए सागर स्मार्ट सिटी द्वारा विभिन्न परियोजना कार्य किये गये हैं। इन पुरातत्व और धार्मिक स्थलों को सुरक्षित और साफ स्वच्छ रखने में आम जन की भागीदारी सुनिश्चित करते हुये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं ताकि हमारी ऐतिहासिक धरोहर और शहर की पहचान माने जाने वाले इन ऐतिहासिक स्थानों को सुरक्षित और साफ स्वच्छ व्यवस्थित रखने में सहयोगी बनें, अपनी भूमिका को समझें और आने वाली पीढ़ी को एक समृद्ध विरासत दे सकें जो उनके पूर्वजों ने उन्हें दी है। वर्तमान नागरिकों की आस्था का केंद्र ये ऐतिहासिक स्थल बने साथ ही भविष्य की आने वाले पीढ़ी इन स्थानों को देखने के लिए आकर्षित हो।
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