भारत के प्रसिद्ध धर्म स्थल शुक्रताल क्षेत्र में सागर के भागवत आचार्य पंडित डॉ प्रमोद शास्त्री के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का सप्त दिवसीय भव्य दिव्य आयोजन हुआ। इसमें समापन दिवस पर सागर के आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच सागर को मंच पर काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया गया।
शिक्षाविद् आचार्य महेश त्रिपाठी ने भगवान श्री कृष्ण के अनन्य प्रेम और मंदोदरी के द्वारा अपने पति रावण को समझाइश देने के दो सवैया छंद सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर डॉक्टर प्रमोद शास्त्री ने कहा कि यह हमारे सागर के ऐसे साहित्यकार, प्राचार्य हैं जिनके पूज्य पिता पंडित श्री जगन्नाथ प्रसाद त्रिपाठी ने अपने दान से धर्म श्री संस्कृत महाविद्यालय सागर में बटुकों के अध्ययन हेतु कक्ष निर्माण कराया । उन्होंने श्री त्रिपाठी का पुष्पमाला पहनाकर तथा त्रिपाठी ने एसपी भारद्वाज को धर्म ग्रंथ भेंट कर सम्मानित किया।
सागर के डॉक्टर महेंद्र खरे ने भी शुक्रताल पर स्वरचित कविता सुनाई।
धर्म सभा में राधे मोहन बडोनिया, अशोक सैनी, हरीश तिवारी, महेंद्र प्रजापति, ममता त्रिपाठी, नंदकिशोर कुशवाहा, पंडित उमेश दुबे, पंडित राहुल दुबे, विवेक शर्मा, विकास राजपूत एसपी पांडेय सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।