कचरा कलेक्शन शुल्क माफ करने की रखी मांग.

आईएमए के अध्यक्ष और बीएमसी के प्रोफेसर डाॅ. सर्वेश जैन ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कचरा कलेक्शन शुल्क माफ करने की मांग की है. डाॅ. सर्वेश का कहना है कि शुल्क भुगतान के संबंध में निर्णय लेने के लिए कम से कम एक माह का समय दिया जाए. आईएमए ने पूर्व में भी केबीनेट मंत्री सहित कमिश्नर कलेक्टर और पूर्व के निगम कमिश्नरों को इस आशय का पत्र लिखा था.

निजी अस्पतालों और डिस्पेंसरी का कचरा कलेक्शन जोखिम भरा कार्य

शहर की निजी छोटी बड़ी अस्पतालों और क्लीनिकों से निकलने वाला कचरा संक्रामक रूप से घातक माना जाता है और इस कचरे के निष्पादन के लिए सफाई मित्रों को बहुत सावधानी बरतना होती है.

अस्पतालों का कचरा चार भागों में वर्गीकृत

अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को चार भागों में बांटा गया है जिनमें संक्रामक, खतरनाक, रेडियोधर्मी और सामान्य कचरा शामिल है. इसके लिए अतिरिक्त सावधानी के साथ कचरा मित्र तैयार किए जाते हैं. याने साफ है कि जैविक खतरे का निपटान आसान काम नहीं है, याने सीधे तौर पर सफाई मित्र अस्पतालों से निकलने वाले संक्रामक कचरे को शहर से दूर निपटान करने का प्रतिदिन जोखिम उठाते हैं.