◽️रवींद्रनाथ टैगोर को किया स्मरण.

विश्व के महान कवि विख्यात लेखक महान दार्शनिक और राष्ट्रगान के रचयिता गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर का 164 वां जन्म जयंती समारोह रवींद्रनाथ टैगोर मेमोरियल ट्रस्ट सागर के ट्रस्टी गण और सहयोगी ट्रस्टी द्वारा रविंद्र भवन मुख्य हाल में आयोजित किया गया.

 इस अवसर पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के चित्र पर सचिव डॉक्टर दिवाकर मिश्रा सह सचिव डॉ निवेदिता मैत्रा सह कोषाध्यक्ष राजेश पंडित सहयोगी ट्रस्टियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई.

इस अवसर पर ट्रस्ट के सचिव डॉ दिवाकर मिश्रा ने कहा कि गुरुदेव विश्व की महान प्रतिभा थे उनके द्वारा किए गए कल के विकास के कामों को विस्मित नहीं किया जा सकता.

आशीष ज्योतिषी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ललित कलाओं के पर्याय थे उनके अंदर सारी कलाएं समायी हुई थीं. उन्होंने भारत के साथ बांग्लादेश का भी राष्ट्रगान लिखा.

ट्रस्ट की सह सचिव निवेदिता मैत्रा ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय पुनर्जागरण के प्रणेता हैं उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है और श्री अनिल चंद्र मित्रा ने 1964 में सागर में रवींद्र भवन ट्रस्ट की स्थापना की. जो इस दिशा में काम कर रहा है.

श्री जी एल पुलतांबेकर ने कहा कि यह इतिहास पुरुष हमें ज्ञान का बड़ा स्रोत है इनके जीवन से हम अपने जीवन को सुधार सकते हैं.

पेट्रिस फुसकेले ने कहा कि दादा मैत्रा ने जिस समय सागर में रवींद्र भवन की स्थापना की उस समय यह कल्पना करना भी कठिन था.

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सह कोषाध्यक्ष राजेश पंडित ने रवींद्र भवन की इस वर्ष की गतिविधियों से संस्था के लोगों को अवगत कराया साथ ही भविष्य के कार्यक्रमों की जानकारी दी.

इस अवसर पर शरद तिवारी नरेश रैकवार ,गजेंद्र, पुरन वीरेंद्र ,मूरत दीपक,आकाश,आनंद नामदेव आदि उपस्थित थे.