परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री108 विनम्र सागर जी, मुनि श्री 108 निस्वार्थ सागर जी, मुनि श्री 108 निर्मद सागर जी, मुनि श्री 108 निसर्गसागर जी, मुनि श्री 108 श्रमण सागर जी महाराज छुल्लक श्री हीरक सागर जी महाराज का प्रातः काल अंकुर कॉलोनी से गोपालगंज के लिए विहार हुआ. जहाँ पर पूज्य मुनिसंघ की भव्य आगवानी हुई.
सर्वप्रथम पूज्य मुनि संघ के सानिध्य में आदिनाथ भगवान का निर्माण कल्याणक विधिनायक भगवान की शांतिधारा कर मनाया गया. शांतिधारा करने का सौभाग्य प्रकाश चंद्र नैनधरा, संतोष सतभैया, पीके मोदी, आनंद जैन मुक्ता, नवीन अलया, केपी जैन शिक्षक मेघना हिमांशु, नागेन्द्र चौधरी ने प्राप्त किया.
अनिल जैन नैनधरा ने बताया देवाधिदेव आदिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के अवसर पर पूज्य मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि आदिनाथ भगवान ने लोगों को धर्म के साथ अपने जीवन के कर्तव्यों के बारे में भी शिक्षा दी. असि मसि कृषि वाणिज्य कला शिल्प इन 6 विषयों पर जनमानस को ज्ञान शिक्षा दी. शिक्षा के साथ ही जीवकोपार्जन और नैतिक सिद्धांतों के लिए मानवता के विकास के लिए शिक्षा दी गई थी. आज के परिवेश में भी यदि हम पाश्चात्य संस्कृति की जगह अपनी प्राचीन शिक्षा पद्धति की ओर बढ़ेंगे अपनी मातृभाषा में पढ़ेंगे तो और अधिक तरक्की करेंगे.
इसके साथ ही आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से सागर में गोपालगंज स्थित शहर के प्रथम नक्काशीमय संगमरमर सहित पाषाण जिनालय की मुक्त हृदय से प्रशंसा की और इस मंदिर को नगर का प्रवेश द्वार बताया. इस अवसर पर नगर और नगर के बाहर से अनेकों श्रावक श्रेष्ठी जन पधारे.
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