शहर सागर बना भक्ति का सागर

अयोध्या में 550 वर्षों के बाद भगवान राम की नवीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पूरा सागर शहर दीपों की रोशनी से जगमगा गया. वही संपूर्ण सागर भक्ति में डूबा नजर आया. साथ में मन मोहक रंगोली सजाई गई तो कहीं गगन बेदी आतिशबाजी भी की गई. यह संपूर्ण उत्सव दीपावली पर्व की तरह मनाया गया.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर के एक दिन पूर्व से ही संपूर्ण सागर के धार्मिक स्थलों पर आकर्षक लाइटिंग की गई, वहीं घरों में प्रतिष्ठानों एवं शासकीय कार्यालय को भी आकर्षक रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया. इसी प्रकार धार्मिक स्थलों प्रतिष्ठानों एवं घरों पर महिलाओं द्वारा मन मोहिनी वाली रंगोली सजाई गई एवं सायंकाल होते ही संपूर्ण सागर दीपों रोशनी से जगमगा उठा.

मुख्य कार्यक्रम वृंदावन मंदिर में

जिले का मुख्य कार्यक्रम वृंदावन मंदिर में किया गया. जिसमें 5100 दीपक जनप्रतिनिधियों साधु संतों, महंतों एवं धर्म प्रेमियों, अधिकारियों द्वारा प्रज्वलित किए गए. 

मंदिरों की अद्भुत छटा

वहीं दादा दरबार में 7000 दीपक जलाए गए, इसी प्रकार परेड मन्दिर, गढ़पहरा मंदिर, बालाजी मंदिर, पहलवान बाबा, गुलाब मंदिर, दद्दू दरबार सरस्वती मंदिर, नागेश्वर मंदिर, कठवा पुल वाला हनुमान जी मंदिर, तीन बत्ती गौर मूर्ति स्थित हनुमान मंदिर में भी दीपक जलाए गए एवं आतिशबाजी की गई.

सागर के सभी धार्मिक स्थलों, घरों, प्रतिष्ठानों पर दीपक जलाने के अलावा भजन कीर्तन, रामधुन, अखंड रामायण, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड किए गए. इसी प्रकार अलग-अलग धार्मिक स्थलों से भगवान राम के साथ सीता माता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की आकर्षक झांकियों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी बंधु के साथ-साथ अखाड़े भी चल रहे थे.

प्रतियोगिताएं हुईं आयोजित

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर वृंदावन बाग मंदिर परिसर में रंग के साथियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय आने वालों को पुरस्कार वितरण भी किए गए.

तत्पश्चात भजन मंडलियों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां देर रात तक प्रस्तुत की गईं एवं भोग प्रसादी का वितरण भी किया गया एवं जगह-जगह भंडारों का भी आयोजन किया गया.