◽️आध्यात्मिक रंग में रंगी होली.

रिश्तों में जमें मैल को होली के रंग से धो डालें. इससे आपको जो आनंद और खुशी मिलेगी उसे बयां नहीं कर सकते हैं.

-बीके छाया दीदी –

रविवार को ब्रह्माकुमारीज के मकरोनिया सेवाकेंद्र पर होलिका दहन का आध्यात्मिक महत्व विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. साथ ही होली उत्सव मनाया गया. इसमें बीके छाया दीदी ने सभी को तिलक लगाकर होली की बधाई दी.

उन्होंने कहा कि त्योहार हमें यही सिखाते हैं कि रिश्तों में आपस में जो दूरियां बन गईं हैं, संवाद की कमी से जो गलतफहमियां हो गईं हैं उन्हें त्योहार के माध्यम से दूर कर दें. आपकी छोटी सी पहल से बिगड़े हुए रिश्ते फिर से जीवंत हो उठेंगे. जब होलिका दहन करने जाएं तो होलिका की अग्नि के समक्ष मन ही मन संकल्प करें कि मेरे जीवन की बुराई, गलत विचार, मेरी कमजोरी इस पवित्र अग्नि में जलकर नष्ट हो रही है. साथ ही कागज पर लिखकर जीवन की कोई एक बुराई आज होलिका में स्वाहा कर दें. इससे आपको मन में हल्कापन महसूस होगा. जो अतीत में घटनाएं हो चुकी हैं उन्हें भूल जाएं और आज से जीवन में नई शुरुआत करें. जीवन हमें आनंद के साथ जीने के लिए मिला है.

परमात्मा के रंग में रंग जाएं.

टीकमगढ़ की प्रभारी बीके माया दीदी ने कहा कि परमात्मा कहते हैं कि आत्मा में मूल स्वरूप में खुशी, शांति, प्रेम, सुख, पवित्रता, आनंद और शक्ति यह सात विशेषताएं हैं. इन सातों बातों को अपने जीवन में शामिल कर लें और परमात्मा के रंग में रंग जाएं. परमात्मा के प्रेम का रंग ऐसा रंग है जो आत्मा में एक बार लग जाए तो वह छूटता नहीं है. होली अर्थात् मैं आत्मा परमात्मा की हो ली.

राहतगढ़ की प्रभारी बीके नीलू दीदी ने कहा कि इस होली ऐसा रंग डालें कि खुशियां बिखर जाएं. न कि खुशियां ही चली जाएं. जीवन में दूसरों को गुण, शक्तियां, खुशी देने का सुख सबसे बड़ा सुख है. इम मौके पर बीके नेहा, सहित अन्य भाई-बहन मौजूद रहे. सभी को होली की मिठाई खिला कर मुख मीठा कराया गया.