शासकीय कला एवं वाणिज्य (अग्रणी) महाविद्यालय में शिक्षक दिवस तथा पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष नितिन बंटी शर्मा उपस्थित रहे। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ प्रतिभा जैन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सेवानिवृत पूर्व प्राचार्यो तथा प्रोफेसर्स का सम्मान महाविद्यालय परिवार और विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में डॉ हरिसिंह गौर विवि प्राणी शास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ सुनीता भार्गव, कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ जीएल दुबे, विवि इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ दिलीप चंद्र शर्मां, राहतगढ़ महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ वीणा शर्मा, विवि अंग्रेजी विभाग पूर्व विभाग अध्यक्ष डॉ निवेदिता मैत्रा अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने कविता भाषण के द्वारा शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिलाषा जैन तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ प्रतिभा जैन ने अतिथियों व उपस्थितों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
शिक्षक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ सुनीता भार्गव ने कहा कि शिक्षक एक मार्गदर्शक और विद्यार्थी के भविष्य का निर्माता होता है। अतः प्रत्येक विद्यार्थी को अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए। डॉ जी एल दुबे ने कहा एक अच्छा शिक्षक विद्यार्थी का हमेशा मार्गदर्शन करता है एवं लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होता है। डॉ दिलीप चंद्र शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि पाश्चात्य शिक्षा को विद्यार्थी पढ़ता है। जबकि भारतीय शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को सिखाती है अर्थात उनमें रचनात्मक का विकास करती है और ज्ञान के प्रति आनंद जाग्रत करती है। डॉ वीणा शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा की हमें प्रतिदिन अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करना चाहिए जिनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से आज हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाए हैं।
डॉ निवेदिता मैत्रा ने पाश्चात्य शिक्षा और भारतीय शिक्षा प्रणाली का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कर यह बताया कि भारतीय शिक्षा प्रणाली मूल्य परक प्रणाली है जो विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है।
मुख्य अतिथि तथा महाविद्यालय जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष नितिन बंटी शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरे लिए यह बहुत ही गौरव का क्षण है। मेरा जन्म शिक्षक परिवार में ही हुआ है और मैंने अपने माता-पिता को शिक्षक के रूप में ही पाया। आज इस कार्यक्रम में शिक्षकों का सम्मान करते हुए मैं स्वयं को सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु का बहुत महत्व होता है। क्योंकि गुरु ही विद्यार्थी के जीवन में प्रतिपल मार्गदर्शक होता है और लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक होता है। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं विद्यार्थीयों की बड़ी संख्या में उपस्थिती रही।