दीक्षार्थी भईया राजेन्द्र शाहपुर वालों की गोद भराई.

वैज्ञानिक संत आचार्यश्री निर्भयसागर जी महाराज ससंघ के कर कमलों से मुनिदीक्षा होगी एवं चातुर्मास कलश स्थापना 25 जुलाई 2024 गुरुवार को होगी. यह घोषणा आचार्यश्री ने स्वयं पंचबालयती मन्दिर शास्त्री वार्ड सुभाष नगर में धर्म सभा के मध्य की. आचार्यश्री के कर कमलों से तपोवन में यह चौथी बार होगी जैनेश्वरी मुनि दीक्षा एवं दो वर्ष बाद पुनः होगा चातुर्मास. तपोवन तीर्थ सागर शहर के पूर्व दिशा में बहेरिया तिगड्डा के आगे NH -26 ओवर ब्रिज से सटी हुई पहाड़ी पर है जहाँ विश्व की सबसे बड़ी 51 फीट दिगम्बर जैन पद्मप्रभु भगवान की पद्मासन प्रतिमा स्थापित है. वहाँ 90 फीट चौड़ा 140 फीट लम्बे पाषाण के मन्दिर निर्माण का कार्य चल रहा है. आचार्यश्री ने कहा भक्ति का फल भाव सहित करने से मिलता है. दुनिया में सबसे बड़े बन्धु गुरु और प्रभु होते हैं. बन्धु उसे कहते है जो सुख दुःख में साथ देते हैं. निस्वार्थ भाव से हितकर कार्य करते हैं. स्वार्थी व्यक्ति मोह माया जाल में फंसे होते हैं. स्वार्थी व्यक्ति इन सबसे उठे होते हैं. खुद और खुदा से कोई बात छिपती नहीं है. पाप और पारा पचता नहीं है. भारतीय संस्कृति में चारित्र की पूजा होती है चेहरे को नहीं चारित्र को देखकर पूजना चाहिए. स्वार्थी व्यक्तियों की लक्षेदार बातों में आकर अपनी धारणा नहीं बदलना चाहिए. नारी बेल की तरह होती जो जल्दी झुक जाती है और जैसे एक बार जिसने बेल लिपट जाती है उसे फिर छोड़ती नहीं उसी प्रकार नारी का स्वभाव होता है इसलिए नारी को बेल की उपमा दी जाती है. नारी के बिना संसार का विकास असंभव है. नारी विकास में बाधक नहीं साधक है. मुक्ति के मार्ग में नारी का मोह बाधक है. आचार्यश्री सुभाष नगर शास्त्री वार्ड में ससंघ सहित विराजमान हैं. प्रातः आचार्यश्री का प्रवचन होगा दोपहर 2:30 बजे दीक्षार्थी भईया राजेन्द्र शाहपुर वालों की गोद भराई का कार्यक्रम होगा. दोपहर 3:00 बजे मुनिश्री सुदत्तसागर, मुनिश्री भूदत्तसागर जी एवं क्षुल्लक श्री चन्द्रदत्तसागर जी का मंगल विहार होगा.