मुनि श्री ने नकारा डिस्पोजल का चलन.

श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर गौरझामर में महासमाधिधारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के शिष्य आचार्य श्री समय सागर जी महामुनिराज के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री विमलसागर जी महाराज मुनिश्री अंनतसागर जी महाराज मुनिश्री धर्मसागर जी महाराज मुनिश्री भावसागर जी महाराज के सानिध्य में 19 जून 2024 को प्रातः आचार्य श्री का पूजन किया गया. शास्त्र अर्पण किया गया एवं मांगलिक क्रियाएं की गई करेली जैन समाज ने चातुर्मास के लिए श्रीफल अर्पण किया. इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि भगवान की वाणी को सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है यह सौभाग्य है मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने चर्चा के दौरान बताया कि डिस्पोजल गिलास-कप का उपयोग हानिकारक है. डिस्पोजल कप और गिलास में चाय पीने का चलन बढ़ता जा रहा है. ऐसे गुणवत्ताहीन डिस्पोजल का उपयोग ज्यादा होने लगा है. ऐसे डिस्पोजल का उपयोग लोग सूप आदि पीने में कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक डिस्पोजल पेय पदार्थों के साथ शरीर में धीमा जहर घोल रहे हैं. प्लास्टिक डिस्पोजल हाइड्रोकैमिकल्स से बने होते हैं, जो गर्म पदार्थ के साथ कुछ मात्रा में घुल जाते हैं, इससे पेट दर्द, हाइपर एसीडिटी जैसी बीमारियाँ बढ़ रहीं हैं. लम्बे समय तक इनका प्रयोग करने से लीवर, किडनी की बीमारियाँ हो सकतीं हैं.