टूट गई एहसासों की रेशमी डोर

बहन भाई का रिश्ता इस दुनिया में सबसे पवित्र और सबसे अनूठा है, ताजा मामला शहर के रविशंकर वार्ड में सामने आया है,जहां अपने 17 वर्षीय इकलौते भाई,जो बचपन से ही शारीरिक रूप से कमजोर था,के निधन पर बहनों ने न सिर्फ मुखाग्नि दी,बल्कि अंतिम संस्कार की परंपराओं के साथ निभाया।

इस भावुक पल पर जो भी मुक्तिधाम में मौजूद था, वह दुखी नजर आया और भाई बहन के प्रेम का ये प्रसंग देख आंखें भर आई।

रविशंकर वार्ड निवासी पप्पू भल्ला के पुत्र राजू का निधन सुबह हो गया जिसका अंतिम संस्कार उसकी दो सगी बहन माही और महक ने नरयावली नाका मुक्ति धाम में किया। घर से लेकर मुक्तिधाम तक यह पल जिसने भी देखा उसकी आंखें नम थी ।

रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व बहनों ने जब अपने भाई को मुखाग्नि दी होगी,तब उन्होंने अपने भाई के साथ बिताया हुआ वक्त हर पल याद करते हुए खासकर रक्षाबंधन पर हम जब अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधते थे तब भाई को यह एहसास भी नहीं होता था कि आज रक्षा पर्व है। 

लंबे समय से मानसिक विकास ना होने पाने के साथ साथ देह का विकास तो होता गया। और आज एहसासों की ये डोर टूट गई ।