आचार्य श्री के संघ मुनी ले रहे क्लास.

अकेली सुई सिर्फ चुभ सकती है मगर धागे का साथ मिलते ही, उसकी स्थिति बदल जाती है और वह दो अलग-अलग वस्त्र के टुकड़ों को मिलाने में सक्षम हो जाती है. जिसे अपनत्व होता है वे अपने व्यस्ततम कार्य को छोड़कर मिलते हैं यदि आपको देखकर भी अपने कार्य में व्यस्त हो जाते हैं तो समझ लेना की वे अपनत्व का ढोंग कर रहे हैं. जिन प्रभु की कृपा से सब कुछ मिला है फिर भी कुछ भी नहीं लेते सिर्फ आपकी श्रद्धा भक्ति को स्वीकार करते हैं वह भी आपके कल्याण के लिए, दूसरों के द्वारा लगाए गए आरोप प्रत्यारोप और दोषारोपण को अपने जीवन में सुधार करने वाला सबसे बड़ा ज्ञानी महान पुरुष है. लक्ष्य को हासिल करने वाला व्यक्ति निंदा आलोचना आरोप प्रत्यारोप से पीछे नहीं हटा. मेहनत का फल और मुसीबत का हल मिलता है. वर्तमान में समय का सदुपयोग करने वाले का भाग्य खुलता है. दिमाग लगाकर कार्य करना चाहिए दीमक बनकर दिमाग नहीं खाना चाहिए. धन दौलत को पकड़ने के चक्कर में इंसान अपनों की पकड़ से दूर चला जाता है. गुण ग्रहण का भाव रखो क्योंकि हर वस्तु में कुछ ना कुछ गुण अवश्य होते हैं गुण ग्रहण की दृष्टि रखने वाला सदा सुखी रहता है और अवगुण को ग्रहण करने वाला सदा दुखी रहता है. जितना आदमी ऊपर उठता है उतने ही लोग टांग खींचने वाले होते हैं. जितनी सफलता मिलती है उतनी आलोचना भी मिलती है. वक्त बदलता है नसीब बदलता है वक्त आने पर धरती और आसमान बदलता है.

यह उपदेश वैज्ञानिक संत आचार्यश्री निर्भयसागर जी महाराज ने सुभाष नगर के शास्त्री वार्ड के संत भवन में एकीभाव स्त्रोत की अर्थ सहित व्याख्या करते हुए कही. आचार्यश्री ने कहा बेईमान लोगों के बीच में ईमानदार बने रहना भी एक कठिन साधना है. कोई कितना भी कुछ कर ले लेकिन समय संपदा और शरीर अंत में साथ छोड़ देता है. दूसरों की सफलता को देखकर ईर्ष्या न करके प्रेरणा लेना चाहिए. बीमारी बिना सूचना के नहीं आती लेकिन मुसीबत बिना सूचना के आ जाती है. वक्त कभी अच्छा और बुरा नहीं होता अरे भाई जब हम अच्छा करते हैं तो अच्छा और जब बुरा करते हैं तो वक्त बुरा हो जाता है. दूसरों की अहमियत और अपनी असलियत कभी नहीं भूलना चाहिए. संकटों में धैर्य का दामन नहीं छोड़ना चाहिए. दूसरे क्या हमारा अपना भाग्य भी कभी हमारे पक्ष में होता है तो कभी विपक्ष में होता है. सागर के शास्त्री वार्ड में प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से एकीभाव स्तोत्र, दोपहर में बच्चों की और महिलाओं की आचार्यश्री के संघ के सभी मुनि क्लास ले रहे हैं और शाम को आचार्यश्री के द्वारा शंका समाधान का कार्यक्रम होता है.