विजय के अजेय किले को ढह जाने का खतरा

◾️विवादित बयानबाजी के प्रचलन से भारतीय जनता पार्टी उभर नहीं पा रही है.

पार्टी के काफी अनुभवी नेता बयान देने के बाद फँस जायें तो समझा जा सकता है कि भाजपा द्वारा समय समय पर आयोजित कार्यशाला का लाभ बहुत सारे नेता जी ठीक तरह से नहीं ले पा रहे हैं.

अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे विवादित बयान देना लोकप्रियता और जनादेश का पर्याय बन गया है, जो कोई भी कभी भी बड़े स्तर पर विवाद पैदा करके सुर्खियां बटोर लेता है ।

मध्यप्रदेश सरकार के केबीनेट मंत्री ने ऐसा विवादित बयान दे डाला कि यह बयान देश के सम्मान में सीधे तौर पर घातक सिद्ध हो गया ।

इस बयान की गंभीरता इतनी कि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने इन मंत्री महोदय के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे डाला । कांग्रेस अभी भी फनफना रही है, पार्टी का साफ कहना है कि मंत्री त्यागपत्र दे और इन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए । दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित संगठन की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है । सारा संगठन इस मामले में मीडिया से बचता नजर आ रहा है । महू में विजय शाह द्वारा विवादित बयान देने के बाद जरूर प्रदेश के संगठन महामंत्री ने फटकार लगाई थी लेकिन इसके बाद विजय शाह का मीडिया के सामने दिया गया स्पष्टीकरण ज्यादा गंभीर नजर नहीं आया और हंसते हुए अपने विवादित बयान पर माफी मांगते हुए नजर आए थे ।

कांग्रेस ने विजय शाह के मीडिया के सामने दिए माफीनामे के बयान को ढोंग बताया है ।

विजय शाह मध्य प्रदेश के एक बेहतर राजनीतिज्ञ कहलाते हैं। वे खंडवा जिले में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित हरसूद विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 1990 से 2023 तक सभी आठ चुनावों में जीत हासिल करते हुए तीन दशकों से अधिक समय तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। और भाजपा की हर सरकार में विजय शाह मंत्री रहते आए हैं । अभी मध्यप्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य मंत्री हैं । विजय शाह आदिवासी समाज से आते हैं ।

भले ही विजय के अजेय किले को कांग्रेस आज तक न भेद पाई हो लेकिन विजय शाह के बयान ने इनकी मेहनत से जुटाई राजनीति को रसातल में जरूर ला दिया है ।