सागर। मनेसिया गांव में विचार समिति द्वारा संचालित विचार संस्कार विद्यालय में अब वैदिक गणित की शिक्षा शुरू की गई है। यह विद्यालय इंग्लिश मीडियम में संचालित है तथा नर्सरी से लेकर पाँचवीं कक्षा तक एमपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, जहाँ छह गांवों के 90 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण अंचल के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. रविकांत वाजपेयीजुला ने विद्यालय पहुंचकर बच्चों को वैदिक गणित की पुस्तकें वितरित कीं।
डॉ. वाजपेयीजुला अब तक 26 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं और पिछले डेढ़ वर्ष से अपने विद्यालय के शिक्षकों को वैदिक गणित का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
डॉ. रविकांत वाजपेयीजुला ने कहा कि वैदिक गणित का प्रयोग चंद्रयान-2 जैसे अभियानों में भी किया गया था और आज अनेक वैज्ञानिक इसका उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी जैसी जटिल गणनाओं में भी वैदिक गणित का सहारा लिया जाता है। यदि बच्चे इसे प्रारंभ से सीखेंगे तो उन्हें आगे पढ़ाई में कोई कठिनाई नहीं होगी।
विचार समिति के अध्यक्ष कपिल मलैया ने बताया कि विचार संस्कार विद्यालय में वैदिक गणित की शिक्षा विधिवत रूप से प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा, यह भले ही एक छोटा कदम लगे, लेकिन इसके परिणाम बहुत बड़े होंगे, क्योंकि यह हमारी पुरातन और उत्कृष्ट भारतीय शिक्षा पद्धति पर आधारित है।
समिति कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने कहा विचार संस्कार विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए शिक्षा का उजाला लेकर आया है। वैदिक गणित जैसी प्राचीन भारतीय विद्या से बच्चों की गणनात्मक क्षमता और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेंगे।
ग्रामवासी मोहन पवार ने कहा कि पहले हमारे गांव में बच्चों के पढ़ने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं थी, लेकिन कपिल भैया ने विचार संस्कार विद्यालय खोलकर हमारे बच्चों को बड़ी सुविधा दी है। अब छह गांवों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं और आज वैदिक शिक्षा की भी शुरुआत हुई है, जिससे हम सभी ग्रामवासी बहुत खुश हैं।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य साक्षी दांगी, शिक्षक खुशबू, रागनी, दीक्षा दांगी, अभिलाषा, पार्वती सहित अनेक ग्रामवासी उपस्थित रहे।
















