पीटीसी मैदान में 13 दिवसीय स्वदेशी मेला के चौथे दिन शुक्रवार को लोगों की भीड़ उमड़ी। स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन के माध्यम से यह मेला आयोजित किया जा रहा है। दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। आज मेला प्रांगण में सरस्वती शिशु के बच्चों द्वारा नृत्य, बधाई की प्रस्तुतियां, मनेसिया स्कूल के बच्चों द्वारा नाटक, जैन महिला आश्रम द्वारा नाटक, राक बैंड की प्रस्तुती दी गई।
मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संरक्षक आर. सुंदरम ने स्वदेशी मेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन देशभर के प्रत्येक शहर में होने चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पिछले पांच–छह वर्षों से देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित स्वदेशी मेलों में लगातार शामिल हो रहे हैं और सागर में आयोजित स्वदेशी मेला उन्हें विशेष रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का पहला स्वदेशी मेला सागर शहर में आयोजित किया गया था, जो अपने आप में गर्व का विषय है। इसके लिए उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच के सभी पदाधिकारियों, आयोजकों और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी मेला केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी विचारधारा को मजबूत करने का सशक्त माध्यम है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सागर में आयोजित स्वदेशी मेला व्यवस्थित, जनोपयोगी और स्वदेशी चेतना को आगे बढ़ाने वाला है। इस मेले से वे अत्यंत प्रसन्न हैं और भविष्य में भी सागर आने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और देश की आर्थिक मजबूती में सहभागी बनें।
स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक एवं स्वदेशी मेला के मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने कहा कि सागर में आयोजित स्वदेशी मेला को शहर की जनता का जो स्नेह और समर्थन मिल रहा है, वह वास्तव में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी के भाव की जो अभिव्यक्ति इस मेले में दिखाई दे रही है, वह दीपावली के पर्व जैसी है, जहां हर घर रोशनी से जगमगा उठता है। मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने कहा कि स्वदेशी का भाव ही इस मेले की आत्मा है। स्वदेशी मेला से खरीदा गया प्रत्येक सामान केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब नागरिक स्वदेशी उत्पादों को अपनाते हैं, तो वे सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष देशभर में लगभग सवा सौ से अधिक स्वदेशी मेलों का आयोजन किया गया है, जो स्वदेशी आंदोलन की व्यापकता को दर्शाता है। सतीश कुमार ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां के बूंदी के लड्डू हमें यह सिखाते हैं कि छोटे-छोटे दाने मिलकर कैसे एक मजबूत और स्वादिष्ट रूप लेते हैं, ठीक उसी तरह समाज को भी एकजुट रहना चाहिए। अंत में उन्होंने सागर की जनता को स्वदेशी के इस महायज्ञ में सहभागी बनने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया।
लवली सोनी एसपी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मकरोनिया ने कहा कि स्वदेशी केवल एक शब्द नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव है।
यदि हम रोजमर्रा की जरूरतों में देश में बने उत्पादों को अपनाएं, तो इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर. सुंदरम, राष्ट्रीय संरक्षक स्वदेशी जागरण मंच, मुख्य वक्ता सतीश कुमार जी स्वदेशी जागरण जागरण मंच अखिल भारतीय सह संगठक, अध्यक्षता साकेत राठौर, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय मेला सह प्रमुख सीईओ स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन, विशिष्ट अतिथि सुधीर दांते स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्र संयोजक, सुनील देव क्षेत्र समरसता प्रमुख राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, कपिल मलैया महाकौशल प्रांत संयोजक, श्रीमति सोनल राय प्रांत महिला सह प्रमुख, लवली सोनी एसपी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मकरोनिया, प्रतिभा अनिल तिवारी, प्रीति सिंह हैं। स्वागत भाषण मेला संयोजिका दीप्ती चंदेरिया ने दिया।
आभार प्रांत मेला प्रमुख नितिन पटैरिया ने माना।














