जब अधिकारी बेटी के कार्यालय अचानक पहुँचे पिता और ससुर

सहायक आयुक्त आबकारी श्रीमती कीर्ति दुबे के कार्यालय में आज का दिन भावनाओं और सम्मान से भरा एक स्मरणीय क्षण बन गया। जब उनके पिताजी एवं ससुर जी उनके कार्यालय पहुंचे, तो पूरे स्टाफ ने अत्यंत आत्मीयता, आदर और अपनापन के साथ उनका स्वागत किया। स्वागत का यह दृश्य ऐसा था मानो पूरा कार्यालय एक परिवार की तरह एक सूत्र में बंधा हो।

आमतौर पर हर कोई अपने परिजनों का सम्मान करता है, परंतु श्रीमती कीर्ति दुबे ने जिस संवेदनशील और प्रेरणादायी तरीके से अपने पिताजी और ससुर जी का स्वागत किया, वह वास्तव में अद्वितीय और अनुकरणीय उदाहरण है।

इस अवसर को और भी यादगार बनाने के लिए उन्होंने अपने पिताजी एवं ससुर जी से ऑफिस परिसर में पौधारोपण कराया और बड़े ही भावुक शब्दों में कहा — “ये पौधे सदैव आपकी यादों को जीवंत रखेंगे।”

उनका यह कदम केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संस्कार, संवेदना और सम्मान का जीवंत प्रतीक बन गया। एक अधिकारी बेटी द्वारा अपने परिजनों का सम्मान इस तरह से करना यह दर्शाता है कि पद चाहे कोई भी हो, संस्कार ही सच्ची पहचान होते हैं।

स्टाफ ने भी इस प्रेरक पहल की सराहना करते हुए कहा कि श्रीमती कीर्ति दुबे का व्यवहार कार्यालय को परिवार जैसा वातावरण प्रदान करता है, और उनका यह कार्य न केवल विभाग बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।