समय का सम्मान करो, सफलता स्वयं मिलेगी

ब्रह्माकुमारीज़ के नरयावली सेवाकेंद्र द्वारा सीएम राइज हायर सेकंडरी स्कूल,शासकीय कन्या हाई स्कूल,सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में विद्यार्थी जीवन का लक्ष्य विषय पर सेमीनार आयोजित किया गया।

इसमें संस्थान के मोटिवेशनल स्पीकर सेना से रिटायर कर्नल विकास चौहान ने कहा कि विद्यार्थी जीवन केवल किताबें पढ़ने, परीक्षाएं देने या अंक प्राप्त करने का समय नहीं है, यह वह पवित्र काल है जब हम अपने मन, बुद्धि और व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।

यह समय हमारे जीवन की दिशा को तय करता है और हमें हमारे सर्वोच्च लक्ष्य तक पहुंचने की तैयारी कराता है। जीवन में लक्ष्य का होना आवश्यक है, क्योंकि लक्ष्य ही हमें ऊर्जा, दिशा और प्रेरणा देता है। बिना लक्ष्य के जीवन एक ऐसी नाव है जो बिना पतवार के गहरे समुद्र में भटकती रहती है। वास्तविक सफलता तब है जब हम अंदर से भी शांत, संतुलित और आत्मविश्वासी बनें। हम सबके भीतर एक दिव्य शक्ति, एक पवित्र चैतन्य शक्ति का निवास है। विद्यार्थी जीवन में हमें इस सत्य को पहचानकर अपने लक्ष्य को केवल कैरियर तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि चरित्र निर्माण, आत्मानुशासन और आत्मज्ञान को भी अपना लक्ष्य बनाना चाहिए। जैसा कि कहा गया है ज्ञान से अधिक मूल्यवान है विवेक और चरित्र।

उन्होंने कहा कि सफलता के मार्ग में अनुशासन हमारा दृढ़ साथी है। नियमित अध्ययन, समय का सदुपयोग, स्वास्थ्य का ध्यान और सकारात्मक संगति ये सभी लक्ष्य प्राप्ति की सीढ़ियां हैं। साथ ही मन को शांत रखना और भीतर की ऊर्जा को सही दिशा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए हमें प्रतिदिन कुछ समय ध्यान, प्रार्थना या आत्मचिंतन में लगाना चाहिए। जब मन शांत होता है, तो बुद्धि अधिक स्पष्ट होती है और निर्णय सही होते हैं। समय प्रबंधन विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी कला है। जो समय का सम्मान करता है, समय भी उसका सम्मान करता है। वर्तमान तकनीकी युग में मोबाइल और सोशल मीडिया आकर्षित करते हैं, लेकिन हमें विवेक से काम लेकर पढ़ाई, विश्राम, परिवार और आत्मविकास के लिए समय संतुलित रखना है।

इस दौरान बीके रुबी बहन ने सभी को राजयोग मेडिटेशन से गहन शांति की अनुभूति कराई और सभी विद्यार्थियों को रोज मेडिटेशन करने की सलाह दी। नरयावली सेवाकेंद्र प्रभारी बीके निधि बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस कार्यक्रम का लाभ प्रिंसिपल के. पी.ठाकुर ,संजय कुमार जैन,संतोष यादव सहित पूरा स्टाफ और सैकड़ों बच्चों ने लिया साथ ही संतोष टंडन भाई , श्रीमती कौशल्या टंडन जी शामिल हुई।