300 से अधिक सेवाकेंद्रों की प्रेरणा -अवधेश दीदी-
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय न्यू टाऊन प्रभाकर नगर मकरोनिया सेवाकेंद्र पर रविवार को संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी अवधेश दीदी की पुण्य स्मृति में श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया।

इसमें सागर सेवाकेंद्र की निदेशिका बीके छाया दीदी ने उनके साथ के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि दीदी का जीवन त्यागी-तपस्वी था। बाल्यावस्था से ही आध्यात्म के प्रति बहुत रुचि थी। उनका यही सपना था कि मेरा जीवन विश्व कल्याण के लिए लगाना है। ऐसी श्रेष्ठ प्रेरणा रख एक दिन आध्यात्म के मार्ग पर चल दीं और अनेकों का कल्याण करने के निमित्त बनीं। अवधेश दीदी की ममतामयी पालना, अथक मेहनत, लगन और परिश्रम का कमाल है कि आपने मप्र और उप्र के विभिन्न जिलों में 300 से अधिक सेवाकेंद्रों की स्थापना की। इन सेवाकेंद्रों के माध्यम से एक लाख से अधिक लोग अध्यात्म के पथ पर चलते हुए अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। साथ ही इन सेवाकेंद्रों पर आपके मार्गदर्शन में 500 से अधिक बेटियों ने अपना जीवन समाजसेवा में समर्पित किया।
राजयोग की गहन तपस्वी
उन्होंने कहा कि अवधेश दीदी राजयोग की गहन तपस्वी थीं। परमात्मा के साथ गहरा नाता था जो उनके हर कार्य को सहज पूरा करता था। कोई भी कार्य करने के पहले वह शिव बाबा को याद करके अपनी सारी बात कहती थीं और सुबह अमृतवेले उठ कर अपने विचारों में शक्ति भर कर शक्तिशाली बन अपने कार्य को सफल करती थीं। उनके विचारों में बहुत शक्ति थी जो सोचती थी वो पूरा करके दिखाती थीं। वर्तमान में आप मप्र की क्षेत्रीय निदेशिका के साथ प्रशासक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका भी थीं। आपने विभिन्न अध्यात्मिक एवं सामाजिक विषयों पर मुख्य वक्ता के रूप में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किया है। आपके नेतृत्व में 500 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय आयोजन किया गया। अवधेश दीदी ने प्रदेशभर में महिला सशक्तिकरण से लेकर नशामुक्ति, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और किसानों के लिए कार्य किया है। आपके नेतृत्व में प्रदेश में सैकड़ों नशामुक्ति और किसान सशक्तिकरण अभियान निकाले गए। साथ ही प्रशासनिक सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अनेक तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
जिले भर से आईं ब्रह्माकुमारी बहनों ने दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर सागर क्षेत्र की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों और भाइयों ने दीदी जी के साथ के अनुभव सांझा करते हुए उन्हें भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित की।
समापन पर ब्रह्माभोजन का आयोजन किया गया।
















