कलेक्टर संदीप जी आर आईएएस कर्नाटक बैंगलौर के मूल निवासी हैं आपके द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद आईबीएम इंडियन साफ्ट वेयर लैब कर्नाटक में 2 वर्ष कार्य किया। वर्ष 2009 में आपका चयन आईआरएस में हुआ। आईआरएस में रहते हुये सीपीसी के तहत कार्य करते हुये ई-फाइलिंग वेबसाइट को डेव्हलप किया, जिसके लिये आपको राष्ट्रपति द्वारा बायो श्रेष्ठ अवार्ड से सम्मानित किया गया। तत्पश्चात 2013 में आपका चयन आईएएस में हुआ।
◾️वर्ष 2018-19 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के पद पर पदस्थ रहते हुये वृद्धजनों के प्रति किये गये कार्य एवं महाकाल मंदिर में किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिये राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
◾️25 अगस्त 2019 को अपर कलेक्टर जबलपुर (शहर) के पद पर पदस्थ रहे।
◾️25 फरवरी, 2021 को आयुक्त नगर पालिक निगम जबलपुर के पद पर पदस्थ रहे।
◾️5 अगस्त 2024 को सागर कलेक्टर के पद पर पदस्थ हुये। कलेक्टर संदीप जी आर स्वास्थ्य, शिक्षा की सेवाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं, आपके द्वारा जिले की स्वास्थ्य के साथ शिक्षा के प्रति सतत निगरानी की जा रही है।
आपके द्वारा विद्यालय खोलने के साथ विद्यालय बंद होने पर विद्यालय पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली जाकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इसी प्रकार जिला चिकित्सालय, संजीवनी क्लिनिकों, स्वास्थ्य केन्द्रों का भी लगातार निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने का कार्य किया जा रहा है। स्वच्छता को लेकर उनके कार्यों की शहर के नागरिक सराहना तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ अब वह इन कामों में अपनी भागीदारी भी करने लगे हैं और इसका परिणाम पूरे शहर में स्वच्छता के रूप में दिखाई देने लगा और भारत सरकार के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में जहां नगर निगम सागर का दसवां स्थान रहा वहीं जिले की तीन नगर पालिकाओं ने भी पहला पांचवा एवं 14 नंबर पर अपना परचम फहराया। कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा विद्यालयों की लगातार मॉनिटरिंग एवं प्राचार्य शिक्षकों के साथ लगातार संवाद का परिणाम सत्र 2024-25 में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की कक्षा दसवीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परीक्षा परिणाम में पहली बार 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसी प्रकार सभी शासकीय सेवकों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर कार्यालय में वरिष्ठ चिकित्सक एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी लगातार कराया जा रहा है । इसी प्रकार जनसुनवाई में आने वाले व्यक्तियों की भी स्वास्थ्य जांच हो इसके लिए जनसुनवाई स्थल पर ही प्रत्येक मंगलवार को स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा श्रद्धांजलि योजना के माध्यम से प्रभावित सौ से अधिक संबंधित परिजनों के व्यक्तियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर सच्ची श्रद्धांजलि दी गई, वहीं इसी योजना के माध्यम से नामांतरण, मृत्यु प्रमाण पत्र अंत्येष्टि सहायता राशि प्रदान करना सहित अन्य कार्य किये जा रहे हैं। इसी प्रकार प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था करते हुए दिव्यांग फ्रेंडली जनसुनवाई बनाई और दिव्यांगों के लिए अगल कक्ष बनाकर उनकी समस्याएं सुनी और मौके पर ही निराकरण किए जा रहे हैं।
कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के कुछ ही समय में कलेक्टर कार्यालय न्यायालय ने मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम न्यायालय प्रकरण निराकरण में प्रथम स्थान प्राप्त किया, इसी प्रकार सागर के इतिहास में पहली बार सीएम हेल्पलाइन में प्रथम स्थान पाया एवं लगातार ही ग्रेड में अपना स्थान बनाए रखे हुए हैं। कलेक्टर के अथक प्रयासों एवं लगातार मॉनिटरिंग के कारण आदिवासियों की 100 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनको सौंपी गई। इसी प्रकार जिले के सभी विकासखंडों में फ्रूट फॉरेस्ट योजना के माध्यम से 10 लाख फ़लदार पौधे लगाने का लक्ष्य शुरू किया गया। सागर के इतिहास में पहली बार जिले के सभी तालाबों का सीमांकन कराकर उनको अतिक्रमण मुक्त कराया गया एवं दोबारा अतिक्रमण न हो इसके लिए मुनारे भी बनवाए गए।
कलेक्टर संदीप जी.आर. द्वारा किचन गार्डन को बढ़ावा देने हेतु एक नवाचार किया गया है। जिसके माध्यम से बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में रंगीन रोटी जैसे चुकंदर, पालक, गाजर, मुनगा एवं मुनगा के फूलों से बनी मिक्स कर पोषण आहार वाली रोटी दी जा रही है। यह न केवल बच्चों के पोषण स्तर में सुधार ला रहा है, बल्कि उन्हें विभिन्न सब्जियों का स्वाद भी सिखा रहा है। जिले के 2633 आंगनवाड़ी केंद्रों में किचन गार्डन विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें प्रत्येक में 10-10 मुनगा के पौधे लगाए जा रहे हैं। मुनगा, जो पोषण का भंडार माना जाता है, उसके माध्यम से कुपोषण की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
कलेक्टर संदीप जी आर की संवेदनशील पहल से सागर कलेक्ट्रेट कार्यालय पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त करने हेतु उन्होंने सबसे पहले कलेक्टर कक्ष सहित कार्यालय परिसर में प्लास्टिक की बोतलों व अन्य प्लास्टिक सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। इसके स्थान पर कांच की बोतलों और गिलासों का उपयोग प्रारंभ किया गया, जिससे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित किया गया, बल्कि कर्मचारियों के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ। प्लास्टिक प्रतिबंध के परिणामस्वरूप कलेक्ट्रेट में हर माह लगभग एक लाख तीस हजार रुपये की आर्थिक बचत हो रही है। बैठकों में भाग लेने वाले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अब प्लास्टिक बोतलों की जगह कांच की बोतलों में आरओ जल उपलब्ध कराया जाता है। इस उद्देश्य से कार्यालय में आरओ सिस्टम भी स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, ई-फाइल प्रणाली को प्रोत्साहित कर प्लास्टिक फाइल कवरों को भी समाप्त किया गया है। बैठकों के दौरान प्लास्टिक बैनर व पोस्टर की जगह एलईडी स्क्रीन का उपयोग कर सूचनाएं प्रदर्शित की जाती हैं। इस नवाचार से न केवल कार्यालय का स्वरूप बदला है, बल्कि जिले के अन्य शासकीय कार्यालयों को भी प्लास्टिक मुक्त करना है।
जिले में प्रशासनिक उत्तरदायित्व को सशक्त बनाने एवं जनहित के कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु कलेक्टर संदीप जी आर द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने वाले पंचायत सचिवों पर अर्थदंड की कार्यवाही की गई है। जिन सचिवों द्वारा नागरिकों के आवेदनों के निराकरण में अनावश्यक विलंब किया गया उनको कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार, संबंधित पंचायत सचिवों पर प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क लगाया गया है। यह कार्रवाई शासन की जवाबदेही और पारदर्शिता की नीति को मजबूती प्रदान करती है। समय पर सेवा न देने वाले अधिकारियों पर दंड लगाकर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने मिलावट से मुक्ति अभियान से खाद्य पदार्थों में मिलावट को समाप्त करने और जन स्वास्थ्य की रक्षा करने के उद्देश्य से शुरू किया। उनके नेतृत्व में जिले में एक विशेष फूड सेफ्टी टास्क फोर्स का गठन किया गया, जिसमें खाद्य विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया। इस अभियान के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर दूध, मसाले, तेल और मिठाई जैसे खाद्य पदार्थों की नियमित सैंपलिंग की व्यवस्था की गई। साथ ही मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गई, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी तुरंत जांच संभव हो पाई। अभियान को जनभागीदारी से जोड़ने के लिए जनजागरूकता रैलियाँ, स्कूलों में प्रतियोगिताएँ, तथा सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग किया गया।
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने जिले में सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए जर्जर भवनों को गिराने की दिशा में एक अभिनव पहल की। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं की रोकथाम करना और शहरी विकास को सुरक्षित बनाना था। जिले में सर्वे कर ऐसे भवनों की पहचान की गई जो अत्यंत खराब स्थिति में थे और किसी भी समय गिर सकते थे। इसके बाद भवन मालिकों को नोटिस जारी कर मरम्मत या ध्वस्तीकरण के लिए समय दिया गया।और लगभग आठ सौ से अधिक जर्जर मकान गिराने की कार्यवाही की गई।
इसी प्रकार कलेक्टर संदीप जी आर ने एक नई पहल करते हुए छात्रावास में रहने वाले अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की छात्र छात्राओं के लिए मेडिकल परीक्षा नीट इंजीनियरिंग परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अपनी तरफ से न केवल पुस्तक प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए बल्कि गुणवत्ता युक्त मार्गदर्शन हेतु अधिकारियों के माध्यम से भी मार्गदर्शन दिलाने का कार्य किया जा रहा है इसी प्रकार विभिन्न कोचिंग संस्थानों के द्वारा भी मार्गदर्शन दिलाया जा रहा है।
