ब्रह्माकुमारीज संस्थान में सभी बहिनों ने शिव जी को भोग स्वीकार कराया

ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र सागर में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर “राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी छाया दीदी” ने गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सदगुरु वह है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर, बुराइयों से अच्छाइयों की ओर ले जाते हैं । अंधकार को मिटाकर सत्यप्रकाश लाने वाला ही सच्चा सदगुरु परमपिता परमात्मा शिव है।

परमपिता परमात्मा शिव हम सब आत्माओं का परम सद्गुरु है। कहा जाता है, कि जीवन में सबसे कठिन है सरल होना और जो कठिन को सरल बना दे, वही सच्चा सद्गुरु है। अर्थात किसी भी मनुष्य को हम गुरु कह सकते हैं। सतगुरु तो एक निराकार परमपिता परमात्मा शिव ही है जो अंधियारी रात अर्थात कलियुग के अंतिम समय पर और कल्याणकारी पुरुषोत्तम संगमयुग पर आकर हम पतितों को पावन बना, पत्थर बुद्धि से पारसबुद्धि बना कर साथ ले जाते हैं । वह हमें स्वयं की और हमारी सत्य पहचान कराते हैं, कि हम एक अविनाशी चैतन्य शक्ति हैं और यह शरीर विनाशी हैं। यह कोई भी मनुष्य, साधु-संत, विद्वान, गुरु हमें नहीं बता सकते। यह सिर्फ एक सद्गुरु का ही कर्तव्य है, कि वह हम आत्माओं को स्वयं की भी सही पहचान देकर सही रास्ता बताते और हम आत्माओं को अपने घर शान्तिधाम की ओर ले जाते हैं। परमपिता परमात्मा शिव ही सर्व आत्माओं का गति-सदगति दाता है, जो हमें दुःखों से छुड़ाकर सहज राजयोग सिखा कर अपनी कर्मेन्द्रियों पर नियंत्रण करना सिखला रहा है। जो जन्म-जन्मान्तर के पापों से मुक्त कराने वाला है।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने सभी को राजयोग कराया एवं सभी बहिनों ने परम् सद्गुरु परमपिता परमात्मा शिव को भोग स्वीकार कराया। साथ ही संस्था से जुड़े सभी भाई-बहिनों को तिलक लगाकर सद्गुरु शिवबाबा का प्रसाद खिलाकर मुख मीठा करवाया और गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सीता बहन,ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन,ब्रह्माकुमारी खुशबू बहन एवं सभी बहनें उपस्थित रहीं ।